नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
–आईएएनएस
जीसीबी/एसजीके
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए बातचीत किए जाने की संभावना है। भारत, यूएई के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इस्राइल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 5 दिसंबर 2022 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित इस अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के साथ अबू धाबी अंतरिक्ष बहस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
जितेंद्र सिंह का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों एवं साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी की अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी रवाना होने से पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने वर्ष 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसेटेलाइट- नायिफ-1 पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करने के लिए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और उसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षो में तेजी से प्रगति की है। जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन अंतरिक्ष में भेजा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। उसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और विश्व का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने, जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए रास्ते खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने भारत के पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने तीन-चार साल पहले कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स ने बहुत कम समय के भीतर स्टार्ट-अप की अभिनव क्षमता को उजागर किया है और आज हमारे पास अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्ट-अप्स हैं।