सतना,देशबन्धु. रेलवे कालेनी से स्टेशन को जोड़ने वाली अंधेरी पुलिया गंदगी और पानी से भरी हुई है, फिर भी लोग आते जाते हैं. जानकारों की माने तो अंग्रेजो के समय बनी यह पुलिया मेन मुबंई-हावड़ा रेल लाईन को लेकर बनाया गया था.
बताया जाता है कि पहले यहां जल, जंगल और नाला था. बाद में धीरे-धीरे बसाहट हो गई और लोग इस पुलिया के नीचे से आने जाने लगे. आजादी के बाद यहां रेलवे ने कर्मचारियों के लिए छोटे-छोटे मकान बनवा दिये और कर्मचारी रहने लगे. उनके आवागमन को लेकर कुछ सालो बाद यहीं के रेलवे अधिकारियों ने पुलिया के नीचे दोनों तरफ सीमेंटेड रास्ता बना दिया और आने वाले पानी के निकासी के लिए भी बगल से छोटी-छोटी नालियां बनवा दी. आबादी बढ़ती गई और रेलवे क्वार्टर भी बढ़ गये जिसके चलते इस पुलिया से आवागमन बाजार और स्टेशन के लिए बढ़ गया.
यह अंधेरी पुलिया दो दिशाओं को जोड़ती है और राजेन्द्रनगर, धवारी व सिविललाईन के लोगो को बाजार व स्टेशन आने जाने के लिए सुगम रास्ता बन गया. जब यह पुलिया बनी थी उस समय ओव्हर ब्रिज भी नहीं बना था सिर्फ सिटी कोतवाली की तरफ से लोगो को आना जाना पड़ता था. दूसरा रास्ता मुख्तयारगंज रेलवे फाटक वाला था जहां से गढ़िया टोला और बगहा तरफ रहने वाले लोग आते जाते थे. अंधेरी पुलिया दो तरफ से आने जाने के लिए बनाई गई थी.
एक पश्चिम दिशा की तरफ से आने वालों के लिए दूसरी तरफ बाजार व स्टेशन की तरफ से जाने वालों के लिए. लोग कई दशक तक आते जाते रहे. मगर आज से दो दशक के समय पश्चिम दिशा की तरफ से आने वालों के लिए वह पुलिया का रास्ता बद कर दिया गया और आज पूरी तरह से बंद है.
कुछ दिन बाद रेलवे द्वारा साफ सफाई करवाई गई ताकि रेलवे कर्मचारियों को आने जाने में दिक्कत न हो. रात में आने जाने के लिए दोनो तरफ दो हाईलोजन लाईटें भी लगवा दी गई जो रात दिन बराबर जलती थी, लेकिन आज ये हाईलोजन लाईटें भी गाायब है और पूरा रास्ता गंदगी और पानी से भरा है फिर भी लोग दिन और रात आते जाते हैं.
अब तो रेलवे द्वारा दोनो तरफ यह भी लिख दिया गया है कि यह आम रास्ता नहीं हैं फिर भी लोग आ जा रहे है कुछ लोग तो गंदगी व पानी के बीच पैदल भी आते जाते देखे जाते है जिससे जीव जन्तु का खतरा रहता है. खुदा न खास्ता कोई जीव जन्तु पुलिया के अन्दर चला गया तो आने जाने वालो की जान पर पड़ आयेगी. ऐसे में रेलवे को चाहिए कि इस रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दे या फिर साफ सफाई करवा कर दुरूस्त करवा दे ताकि आने जाने वाले रेलवे कर्मचारियों को भी कोई परेशानी न हो और न ही आमजन को.