नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। अगले एक साल रेलवे आधुनिकीकरण, हरित ट्रेन, हरित ऊर्जा, पर्यटन, हाई स्पीड ट्रेन, महत्वपूर्ण कॉरीडोर, रेलवे के आधुनिकीकरण और ट्रेक के विस्तार पर काम करेगा। रेलवे ने देशभर में सबसे ज्यादा फंड उत्तरप्रदेश को 17,507 करोड़ रुपए आवंटित किया है।
केंद्र सरकार ने इस बार रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया है। उसमें नई योजनाओं के लिए 75,000 करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे। भारतीय रेलवे के अनुसार इस बार के बजट के इतिहास में सर्वाधिक आवंटन हुआ है। साल 2013-14 में 28,174 करोड़ रुपए रेलवे के हिस्से में आए थे। इसके बाद 2022-23 में 1,59,100 करोड़ रूपए और अब इस बार के वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2,40,000 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।
रेलवे के मुताबिक ये 2013-14 से लगभग 9 गुना वृद्धि और साल 2022-23 से 51 फीसदी की वृद्धि है। वहीं राज्यवार देखें तो सबसे अधिक नेशनल कैपिटल रीजन यानी दिल्ली को मिले बजट में 26 गुना की बढ़ोतरी हुई है। यानी साल 2013-14 में दिल्ली को 96 करोड़ का बजट प्राप्त हुआ था और इस बार 2477 करोड रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इसी तरह पंजाब को 21 गुना अधिक रेलवे बजट हासिल हुआ है। इसके बाद उत्तर प्रदेश को 16 गुना और गुजरात को 14 गुना अधिक बजट प्राप्त हुआ है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार रेल बजट 2023-24 में उत्तर प्रदेश को 17,507 करोड़, मध्य प्रदेश को 13,607 करोड़, राजस्थान को 9532 करोड़ रुपए, उत्तराखंड को 5400 करोड़, पंजाब को 4762 करोड़ रुपए, दिल्ली को 2477 करोड़, हरियाणा को 2247 करोड़ रुपए, हिमाचल प्रदेश को 1838 करोड़ रुपए, बिहार को 8505 करोड़ रूपए और चंडीगढ़ को 452 करोड़ रुपए मिले हैं।
चुनावी साल में रेलवे का पूरा जोर बुनियादी ढांचे के विकास विशेष रुप से रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं और हाई स्पीड ट्रेनों को जल्द से जल्द पटरी पर लाने पर रहेगा। इनमें मुख्यतौर पर हरित ट्रेन यानी हाइड्रोजन ट्रेन, हरित ऊर्जा, पर्यटन, हाई स्पीड ट्रेन और महत्वपूर्ण कॉरीडोर पर खर्च किए जायेंगे।
बजट में राजधानी, शताब्दी, दुरंतो जैसी ट्रेनों के कोच को और बेहतर बनाने की घोषणा की गई है। इन प्रमुख ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोच के नवीनीकरण की योजना बना रहा है। इन कोच के अंतरिक हिस्सों को मॉडर्न बनाया जाएगा और यात्रियों के आराम के हिसाब से सुधार किया जाएगा। रेलवे के अनुसार रोलिंग स्टॉक प्रोडक्शन के लिए 51,510 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
रेलवे ट्रैक में सुधार – पुराने पटरियों को बदलने के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किए जायेंगे। इससे रेलवे ट्रेनों को गति देने और अधिक स्थानों के लिये हाई स्पीड ट्रेन शुरू करने में मदद मिलेगी। ट्रैक रिन्यूअल के लिए 17,296 करोड़ रुपये की रकम आवंटित किया गया है। साथ ही मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार ने भारतीय रेल के लिए जो बजट जारी किया है उनमें से 39,660 करोड़ रुपये नई रेल लाइन को बिछाने में खर्च किया जाएगा। लाइन डबल करने के लिए खर्च होंगे 30,749 करोड़ रुपये और गेज बदलने के लिए 4600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
रेलवे के अनुसार पूरी तरह से भारत में विकसित देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होगा। हाइड्रोजन ट्रेन का परिचालन पहले चरण में हैरिटेज लाइनों जैसे कालका-शिमला रेलवे खंड पर किया जाएगा। अगले तीन साल में रेलवे का 35 नई हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का लक्ष्य है।
हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए रेलवे अब अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट की स्थापना करेगा। भारतीय रेल तेजी और मजबूती के साथ जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में बढ़ रही है। प्रदूषण को कम करने के लिए रेल लगातार रेल विद्युतीकरण पर जोर दे रही है।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रेलवे 100 और विस्टाडम कोच बनाने का प्रस्ताव कर रहा है। रेलवे देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत गौरव पर्यटन ट्रेन का परिचालन कर रहा है। अब 5-6 नए स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट जोड़े जाने की योजना है।
बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरूआत महाराष्ट्र में की जाएगी। इसके साथ ही अगले तीन साल में रेलवे की 500 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना है। इसके अलावा देश में 50-60 किलोमीटर के दायरे को कवर करते हुए वंदे मेट्रो ट्रेन की परिकल्पना शामिल की गई है। साइड एंट्री के साथ 4,500 नए डिजाइन वाले ऑटोमोबाइल वाहक कोच, पांच हजार एलएचबी कोच और 58,000 वैगन के निर्माण का का प्रस्ताव दिया है।
रेल सुविधा से अनछुए भागों में जनजातीय कॉरीडोर, सोशल कॉरीडोर, हिल कॉरीडोर, पोर्ट कॉरीडोर और एनर्जी कॉरीडोर स्थापित किए जाएंगे। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1275 स्टेशनों को आधुनिक और हाईटेक बनाया जाएगा। रेल ओवर ब्रिज और रेल अंडर ब्रिज के लिए 8000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। भारतीय रेल इन पैसों से ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण करेगी। इसके अलावा दूसरे ब्रिज के लिए भी 1255 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यानी अलग-अलग ब्रिज के निर्माण के लिए कुल 9255 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
केंद्रीय रेल मंत्री के अनुसार नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के लिए केंद्र सरकार ने 3,596 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। जबकि मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में 4,710 करोड़ रुपये ही दिए गए थे। इसके तहत जो विकास कार्य किया जाएगा उसमें दिल्ली-मेरठ के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल के काम को रफ्तार मिलेगी। अगले वित्तीय वर्ष में रैपिड रेल का अधिकांश काम पूरा हो जाएगा। इसके साथ दिल्ली और अलवर के बीच प्रस्तावित रूट पर भी काम शुरू हो सकता है।
वहीं उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुताबिक इस जोन को पिछले साल 6724.29 करोड़ का बजट दिया गया था और इस बार ये 28 फीसदी ज्यादा है। उत्तर पश्चिम रेलवे को अगले वित्त वर्ष के लिए 8636.85 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के अनुसार अगले कुछ महीने में जयपुर से दिल्ली के बीच वंदे भारत ट्रेन दौड़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 30 करोड़ रुपए का बजट भी जारी हुआ है। इस वर्ष सितंबर तक प्रदेश में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, श्रीगंगानगर और उदयपुर से वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू होना प्रस्तावित है।
पश्चिम मध्य रेल को 8874.70 करोड़ का आवंटन किया गया है। इसके तहत मध्य प्रदेश के 15 स्टेशनों का पुनर्निर्माण और 80 स्टेशनों के विकास का काम किया जायेगा। इसमें हरदा, खिरकिया, बानापुर, इटारसी जंक्शन, होशंगाबाद, संत हिरदाराम नगर, सांची, विदिशा, गंजबासौदा, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, रुठियाई, ब्यावरा राजगढ़ व शाजापुर जैसे स्टेशन शामिल है।
पूर्व मध्य रेलवे को 8568 करोड़ रुपये दिए गए, जिसमें से 8505 करोड़ बिहार को दिए गए हैं। 2009 से 2014 तक बिहार को 1132 करोड़ मिले थे, वहीं अगले वित्तीय वर्ष के लिए रिकॉर्ड 8505 करोड़ दिए जा रहे हैं। रेलवे के अनुसार बिहार में 74,880 करोड़ रुपये के 57 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। बिहार के 87 स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने की तैयारी चल रही है। साथ ही पटना से रांची, पटना से हावड़ा तथा वाराणसी से गया-धनबाद होते हुए हावड़ा के लिए तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा। जानकारी के अनुसार अप्रैल के बाद तीनों ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा सकता है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 48 स्टेशनों के विकास के लिए चिन्हित किया गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में मुख्य तीन स्टेशनों बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग को स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत चिन्हित किया गया है। इन तीन स्टेशनों का पुनर्विकास एयरपोर्ट की तर्ज पर मल्टी मॉडल इंट्रीग्रेशन रेगुलेटेड ट्रैफिक मूवमेंट, वल्र्ड क्लास फैसिलिटी, सस्टेनेबल डिजाइन के साथ नई बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा।
वहीं दक्षिण मध्य रेलवे वर्ष 2022-23 के 8,349.75 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2023-24 के लिए 13,786.19 करोड़ का आवंटन किया गया है। जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 65 प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी के अनुसार तेलंगाना को 4,418 करोड़ के रिकॉर्ड आवंटन के साथ 5 गुना अधिक बजट दिया गया है। राज्य में 15 रेल परियोजनाओं पर काम जारी है।
इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे को इस बार 6900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 600 करोड़ रुपये ज्यादा है। पूर्वोत्तर रेलवे को इस बार 6900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
–आईएएनएस
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