गया, 22 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के गया में इस वर्ष पितृपक्ष के दौरान आने वाले पिंडदानियों की सेवा ‘अतिथि देवो भव’ की तर्ज पर की जाएगी। इस वर्ष पितृपक्ष में पिछले वर्ष से अधिक पिंडदानियों के पहुंचने की उम्मीद है। गया के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने गुरुवार को विभिन्न बैंकों के अधिकारियों, सामाजिक संस्थाओं, एनसीसी के अधिकारी, सभी राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्ष, जिले के गणमान्य लोगों के साथ बैठक की।
बैठक में उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष तीर्थ यात्री पितृपक्ष के बाद एक बेहतर सकारात्मक विचार के साथ घर लौटते हैं। पिछले वर्ष भी काफी उत्कृष्ट कार्य किए गए थे। इस वर्ष भी आप सभी से अपेक्षाएं हैं कि और बेहतर तरीके से मेले को संपन्न कराएं।
उन्होंने कहा कि इस बार पितृपक्ष मेला का माहौल कुछ अलग है, क्योंकि गयाजी डैम बनने एवं घाट का विस्तार होने के कारण अधिक संख्या में तीर्थयात्री आने की पूरी संभावना है। सभी की सेवा ‘अतिथि देवो भव’ के तर्ज पर करें। पितृपक्ष मेला के साथ-साथ गया जिले में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए व्यवस्थाओं को हर बार एक नया आयाम दिया जा रहा है। हर वर्ष कई प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किए जा रहे हैं। पितृपक्ष मेला के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर पेयजल की उचित व्यवस्था, हेल्थ चेकअप कैंप, आकर्षक लाइटिंग, वाटर एटीएम, मोबाइल एटीएम, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष गांधी मैदान में बनने वाली टेंट सिटी में लगातार 15 दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाया जाएगा। इसके अलावा टेंट सिटी में सुबह के समय निःशुल्क चाय बिस्किट का वितरण किया जाएगा। रात्रि में निःशुल्क भोजन की भी व्यवस्था रहेगी। विष्णुपद में अन्नपूर्णा रसोई में दिनभर के लिए निशुल्क नाश्ता एवं भोजन की व्यवस्था लगातार 15 दिन रखी जाएगी। यह सुनिश्चित करें कि तीर्थयात्रियों को किसी स्वयंसेवी संस्थान द्वारा ताजा खाना ही परोसा जाए, जिससे उनकी सेहत पर असर नहीं पड़े। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि रैंडमली फूड इंस्पेक्टर के माध्यम से खाने की जांच करवाते रहें।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 17 सितंबर से पितृपक्ष मेले का आगाज होगा। पितृपक्ष मेले के दौरान देश ही नहीं विदेश से लाखों तीर्थयात्री गयाजी आकर पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं। हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है। इसमें पितरों का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि पितृ प्रसन्न होने पर जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
पितृपक्ष की वजह से ही गया बिहार का एकमात्र ऐसा शहर है जिसे लोग ‘गया जी’ कहते हैं। बाहर के श्रद्धालु भी ‘गया जी’ संबोधित करते हैं। विश्व प्रसिद्ध इस मेले को 2015 में राजकीय मेले का दर्जा मिला था। अब इस मेले को अंतर्राष्ट्रीय मेला के दर्जे की मांग उठने लगी है।
–आईएएनएस
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