प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 26 मई (आईएएनएस)। माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत को गुरुवार को 40 दिन पूरे हो गए। इनकी फरार पत्नियों को पकड़ने के लिए अतीक व अशरफ के चालीसवें का इंतजार कर रही पुलिस के हांथ खाली रहे।
15 अप्रैल की रात मोतीलाल नेहरू (कॉल्विन) संभागीय अस्पताल में तीन हथियारबंद हमलावरों ने पुलिस हिरासत में उन दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब उन्हें अदालत द्वारा चिकित्सा परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा था।
25 मई को अहमद बंधुओं का मौत के 40 दिन बाद होने वाला चालीसवां था।
पुलिस दिन भर कसारी मसारी कब्रिस्तान और चकिया इलाके में अतीक और अशरफ की कब्रों और उनके रिश्तेदारों के घरों पर नजर रखती रही।
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ की पत्नी जैनब फरार हैं।
अतीक के दो बेटे उमर और अली अलग-अलग जेलों में हैं, जबकि दो नाबालिग बेटे राजरूपपुर के बाल आश्रय गृह में बंद हैं।
मीडिया रिपोटरें में कहा गया था कि शाइस्ता और जैनब गुरुवार को चालीसवां रस्म के लिए आ सकती हैं, जहां कुरान का पाठ होता है और गरीबों को भोजन और कपड़े दिए जाते हैं।
सूत्रों ने कहा कि हो सकता है कि अतीक के एक करीबी रिश्तेदार ने परिवार के सदस्यों की गैरमौजूदगी में उनके घर पर रस्में अदा की हों।
–आईएएनएस
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