मुंबई, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई में धारावी स्लम रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ डाली गई याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए टेंडर को बरकरार रखा।
हाईकोर्ट द्वारा बताया गया कि याचिका खारिज किए जाने का कारण कोई ठोस आधार नहीं होना है।
मुख्य न्यायाधीश डीके. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने यूएई स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा, “याचिका में उठाए गए आधारों में बल और प्रयास की कमी है। इस कारण पहले के टेंडर को रद्द करने और नए टेंडर अवॉर्ड जारी करने की सरकार की कार्रवाई को चुनौती देना फेल हो गया है।”
अदाणी समूह 259 हेक्टेयर की धारावी स्लम रिडेवलपमेंट के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी थी और समूह ने 2022 के टेंडर प्रोसेस में 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाकर इसे हासिल किया था।
2018 में जारी पहले टेंडर में याचिकाकर्ता कंपनी 7,200 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी थी।
एकनाथ शिंदे सरकार ने 2018 के टेंडर को रद्द कर दिया था और अतिरिक्त शर्तों के साथ 2022 में नया टेंडर जारी किया था। राज्य सरकार ने स्लम रिडेवलपमेंट के लिए परियोजना में रेलवे की 45 एकड़ जमीन को शामिल करने का फैसला किया, जो मूल प्रस्ताव में शामिल नहीं था।
एडवोकेट आशुतोष कुंभकोनी ने राज्य सरकार को बदलावों को दर्शाने और इस भूमि को अधिग्रहित करने की लागत जैसे कारकों को शामिल करने के लिए एक नया टेंडर जारी करने की सिफारिश की थी।
राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता के दावे का विरोध किया था और कहा था कि संशोधित टेंडर की शर्तें मनमानी नहीं थीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण थी कि यह विकास वित्तीय रूप से व्यवहार्य हो।
2019 और 2022 के बीच बदले हुए आर्थिक परिदृश्य का हवाला देते हुए, राज्य सरकार ने 2018 के टेंडर को रद्द करने और 2022 में एक नया टेंडर जारी करने के अपने फैसले को उचित ठहराया।
सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन ने सबसे पहले 2018 के टेंडर को रद्द करने और उसके बाद अदाणी को 2022 का टेंडर देने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी थी।
दुनिया के सबसे बड़े स्लम में से एक धारावी, बांद्रा-कुर्ला के पास 2.8 वर्ग किलोमीटर की प्राइम लोकेशन की जमीन है। यह ब्रिटिश काल के दौरान 1884 में स्थापित हुई थी।
धारावी रिडेवलपमेंट योजना का उद्देश्य मौजूदा स्लम बस्तियों को आधुनिक आवास, बुनियादी ढांचे और वाणिज्यिक स्थानों में बदलना है।
–आईएएनएस
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