गोटेगांव. नगर में जितने भी मध्यप्रदेश शासन के शासकीय या अर्ध शासकीय कार्यालय और केंद्र के कार्यालय जैसे बैंक,रेल,और स्वास्थ्य कार्यालय और अन्य कार्यालय हैं जो कर्मचारियों के अप डाउन पर चल रहे हैं जिससे शासकीय कार्य तो बाधित होते ही हैं.लोगों के कार्य सही समय पर नहीं हो पाते और फिर शाम को कर्मचारियों को घर जल्दी भागने की पड़ती है.फिर भी शासन मौन रहता है जिससे नगर में चर्चा का विषय बनता जा रहा है सबसे ज्यादा अप डाउन करने वाले विभागों में सबसे पहला विभाग शिक्षा विभाग है जहां पर अधिकांश शिक्षक अप डाउन की वैशाखी के जरिए शासकीय सेवाओं को नैया पार कर रहे हैं.जिससे शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों पर भी असर पड़ता दिखाई देता है.
ऐसे ही पंचायत विभाग, राजस्व विभाग,बिजली विभाग,बैंक,और भी कई विभाग हैं जो अप डाउन के सहारे चल रहे हैं फिर भी विभागों के बॉस कोई ध्यान ही नहीं देते.इसी क्रम में नगर का स्वास्थ्य विभाग,उच्च शिक्षा विभाग जहां पर अधिकारी खुद रोजाना अप डाउन करते हैं.उन्हे कार्य प्रभावित होने की चिंता तनिक भी नहीं है.इनमे प्रमुख रूप से स्वास्थ्य विभाग,पुलिस विभाग,राजस्व विभाग,महिला बाल विकास विभाग,जनपद पंचायत विभाग,कृषि विभाग,जल संसाधन विभाग,आदि में भी पुरुष और महिला कर्मचारी अप डाउन का सहारा ले रहे हैं यह आज की नई बात नहीं है कई वर्षों हो गए अप डाउन करते हुए और ये समाचार भी कई बार अखबारों की सुर्खियां बना
अप डाउन करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही का ताजा मामला
नगर के शासकीय ठाकुर निरंजन सिंह महाविद्यालय में शर्मनाक लापरवाही हुई बीकॉम थर्ड ईयर परीक्षा में पब्लिक फाइनेंस की जगह दे दिया मैनेजमेंट अकाउंट का पेपर, वहीं कॉलेज की शिक्षिका मैडम कोष्टा को घर पहुंचने की जल्दी थी वह ,, कक्ष की चाबी अपने साथ लेकर पहले ही जबलपुर घर चली गईं. वहीं अप डाउन करने वाले कॉलेज के प्राचार्य बी डी कोष्टी भी पेपर के शुरू होने से पहले ही जबलपुर चले गये थे.
अब आप समझो अप डाउन करने वाले कर्मचारी घर पहुंचने की जल्दी में कैसे छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने मे लगे हुए हैं.उसके बावजूद भी जिला शासन प्रशासन के कानों में जूं नहीं रेंगती.अच्छा हो जो तत्काल प्रभाव से सभी अप डाउन पर अविलंब रोक लगे जिससे जनता के कार्यों में आसानी हो.