अनूपपुर, देशबन्धुर. मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक का प्रमुख धार्मिक स्थल जोहिला नदी का उद्गम स्थल है, जालेश्वर धाम को जाने वाला 1 किलोमीटर का पहुंच मार्ग बहुत ही जर्जर हालत में . उक्त मार्ग से कोई भी पर्यटक तीर्थ यात्री आना-जाना पसंद नहीं करता है तथा उक्त मार्ग में पैदल चल ना तक भी मुश्किल हो गया है .
उल्लेखनीय है कि अमरकंटक शहडोल रीवा मुख्य मार्ग से 1 किलोमीटर का जालेश्वर तक का मार्ग की जर्जर हो चुकी हालत के कारण वा 10 -12 वर्षों से मरम्मतत नहीं हुआ है. यहां वर्ष भर तीर्थ यात्रियों, भक्तोंा एवं श्रद्धालुओं का निरंतर आना-जाना बना रहता है तथा सावन मास में लाखों की संख्या में भक्त पावन सलिला नर्मदा जी का जल नर्मदा उद्गम कुंड से लेकर 9 किलोमीटर का पैदल कांवर लेकर जाते हैं तथा जालेश्वर महादेव में भक्त भाव के साथ जल चढ़कर पूजन अर्चन करते हैं.
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ज्ञात हो कि जालेश्वर स्थल को लेकर मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य दोनों ही आधिपत्य को लेकर विवाद करते रहे हैं. इसका प्रकरण न्यायालय में चल रहा था जलेश्वर धाम को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा की समिति ने जांच कर प्रतिवेदन मध्य प्रदेश शासन को सौप था.
सावन मास में दोनों ही राज्य की पुलिस सुरक्षा व्यवस्था देख-रेख करती है छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला प्रशासन द्वारा जालेश्वर धाम मंदिर तक मार्ग बनवाया हुआ है लेकिन जालेश्वर धाम मंदिर से शहडोल रीवा मुख्य मार्ग तक का पहुंच मार्ग जो की 1 किलोमीटर है दैनिक स्थिति में है दो पहिया वाहन चौपहिया वहां तथा बड़े वाहन यहां तक नहीं जा पा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि जालेश्वर पहुंच मार्ग का नव निर्माण लगभग 20–22 वर्ष पूर्व सीमेंट का हुआ था उसके बाद 5 -7 वर्ष बाद उसका मरम्मत किया गया था लेकिन इसके बाद से अब तक उक्त मार्ग का आवश्यक सुधार मरम्मत न होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जालेश्वर धाम अमरकंटक नगर परिषद का वार्ड क्रमांक 1 में आता है.