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Home राष्ट्रीय

अमित शाह के बयान पर सियासत तेज, कांग्रेस नेता के सुरेश ने मांगा इस्तीफा

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December 19, 2024
in राष्ट्रीय
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अमित शाह के बयान पर सियासत तेज, कांग्रेस नेता के सुरेश ने मांगा इस्तीफा
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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

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के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और सांसद के सुरेश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बाबा साहब अंबेडकर पर दिए गए बयान पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है और कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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के सुरेश ने कहा कि मैंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव किया है, ताकि हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ दिए गए अमित शाह के बयान पर चर्चा कर सकें। अमित शाह का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी को चाहिए कि वह गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में माफी मांगने के लिए कहें और अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमने बुधवार को भी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया था और हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए।

उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ अंबेडकर के खिलाफ था, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं। इस तरह की टिप्पणी की किसी से उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अंबेडकर को भारतीय समाज में एक देवता के रूप में पूजा जाता है और उनके प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और उनकी पार्टी भारतीय संविधान को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि अंबेडकर ने एक मजबूत और धर्मनिरपेक्ष संविधान तैयार किया था, जो संघ परिवार को पसंद नहीं आया। वह चाहते थे कि संविधान को अपने हिसाब से बदला जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वह हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं और उनके विचारों को नकारते आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को उन्होंने एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए मांग की कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।

बता दें कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी, अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने शहीदों और सेना का भी अपमान किया। कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया। आपातकाल लगाकर उन्होंने सभी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

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