लंदन, 12 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यमन में हूती ठिकानों पर संयुक्त हमले शुरू करने के बाद शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतें 2.5 प्रतिशत से अधिक बढ़ गईं।
इस साल अब तक कच्चे तेल का वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 3.1 फीसदी बढ़ चुका है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार लाल सागर में, जिसके माध्यम से 12 प्रतिशत वैश्विक व्यापार प्रवाहित होता है, जिसमें 30 प्रतिशत वैश्विक कंटेनर यातायात भी शामिल है, हूतियों का हमला जहाजों को अफ्रीका के चारों ओर एक लंबा रास्ता अपनाने के लिए मजबूर कर रहा है और इससे बीमा लागत में बढ़ोतरी हो सकती है। कंपनियां अपने माल को ले जाने की बढ़ी हुई लागत को उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं, कीमतें फिर से ऐसे समय में बढ़ा सकती हैं जब दुनिया भर की सरकारें महामारी के बाद की मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, निवेश मंच हरग्रीव्स लैंसडाउन में मनी और मार्किट प्रमुख सुज़ाना स्ट्रीटर ने कहा, “ऐसी चिंताएं हैं कि मौजूदा अराजकता कई महीनों तक बनी रह सकती है, जो दुनिया भर की कंपनियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द होगी।”
उन्होंने कहा, ”एशिया से यूरोप की ओर जाने वाले जहाजों को अफ्रीका के दक्षिण के आसपास फिर से रूट किए जाने के कारण इसमें औसतन 10 दिन अतिरिक्त लग रहे हैं और देरी तथा उच्च ईंधन बिल के कारण प्रति जहाज लागत एक मिलियन डॉलर तक बढ़ रही है।”
–आईएएनएस
एमकेएस/एकेजे
लंदन, 12 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यमन में हूती ठिकानों पर संयुक्त हमले शुरू करने के बाद शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतें 2.5 प्रतिशत से अधिक बढ़ गईं।
इस साल अब तक कच्चे तेल का वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 3.1 फीसदी बढ़ चुका है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार लाल सागर में, जिसके माध्यम से 12 प्रतिशत वैश्विक व्यापार प्रवाहित होता है, जिसमें 30 प्रतिशत वैश्विक कंटेनर यातायात भी शामिल है, हूतियों का हमला जहाजों को अफ्रीका के चारों ओर एक लंबा रास्ता अपनाने के लिए मजबूर कर रहा है और इससे बीमा लागत में बढ़ोतरी हो सकती है। कंपनियां अपने माल को ले जाने की बढ़ी हुई लागत को उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं, कीमतें फिर से ऐसे समय में बढ़ा सकती हैं जब दुनिया भर की सरकारें महामारी के बाद की मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, निवेश मंच हरग्रीव्स लैंसडाउन में मनी और मार्किट प्रमुख सुज़ाना स्ट्रीटर ने कहा, “ऐसी चिंताएं हैं कि मौजूदा अराजकता कई महीनों तक बनी रह सकती है, जो दुनिया भर की कंपनियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द होगी।”
उन्होंने कहा, ”एशिया से यूरोप की ओर जाने वाले जहाजों को अफ्रीका के दक्षिण के आसपास फिर से रूट किए जाने के कारण इसमें औसतन 10 दिन अतिरिक्त लग रहे हैं और देरी तथा उच्च ईंधन बिल के कारण प्रति जहाज लागत एक मिलियन डॉलर तक बढ़ रही है।”
–आईएएनएस
एमकेएस/एकेजे