नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान विज्ञान के कई महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हुई। वहां विज्ञान से संबंधित मुद्दे, सेमी कंडक्टर व अंतरिक्ष से लेकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र आर्टेमिस समझौते प्रमुख रहे। संयुक्त वक्तव्य में भी यह बात कही गई, रविवार को यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने दी।
सरकार ने नवोन्मेषण और स्टार्टअप्स की सृजनशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक संपदा सुरक्षा (एसआईपीपी) लॉन्च की है। इसके अंतर्गत स्टार्टअप्स को पेटेंट दाखिल करने के शुल्क पर 80 प्रतिशत की छूट और पेटेंट आवेदनों की त्वरित जांच की सुविधा प्रदान की जाती है। नए ट्रेडमार्क नियमों के तहत,स्टार्टअप्स को दूसरी कंपनियों के मुकाबले शुल्क दाखिल करने में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है। नए डिजाइन संशोधन नियम 2021 के अनुरूप, स्टार्टअप्स द्वारा औद्योगिक डिजाइनों के पंजीकरण के संवर्द्धन के लिए भी सरकार ने छोटे निकायों के लिए फाइलिंग और अभियोजन शुल्कों को घटा दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि स्टार्टअप्स के बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा का लक्ष्य नवोन्मेषण और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा महोत्सव में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उद्योग लिंकेज के साथ-साथ स्टार्टअप्स द्वारा पेटेंट और ट्रेड मार्क सहित बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) दाखिल करने से भारत में नवोन्मेषण को प्रोत्साहन और उद्यमिता को प्रेरणा मिलेगी। 2016 में सरकार द्वारा आईपीआर अधिनियम लागू किए जाने के बाद ट्रेडमार्क पंजीकरण की प्रक्रिया का समय घटकर एक महीने रह गया है, जो पहले एक वर्ष से अधिक था। डॉ. सिंह ने कहा “इसके तुरंत बाद ‘स्टार्टअप्स के बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा’ स्कीम लाई गई,जिसमें पेटेंट फाइल करने में 80 प्रतिशत छूट और उद्योग तथा कंपनियों के मुकाबले 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत छूट की परिकल्पना की गई है।”
उन्होंने बताया, “वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक में हमने 81 से 40– 31 स्थानों की छलांग लगाई है। स्टार्टअप इकोसिस्टम में हमने बहुत देर से, 2016 में शुरुआत की, जब प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले से अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में इसकी अपील की लेकिन कुछ ही वर्षों में हम विश्व में स्टार्टअप इकोसिस्टम में तीसरे स्थान पर पहुंच चुके हैं।”
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पारंपरिक ज्ञान और विरासत के डिजिटल भंडार को आधुनिक वैज्ञानिक नवोन्मेषण के साथ जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तंत्र को संस्थागत बनाने के द्वारा हम खादी,एरोमा मिशन और लेवेंडर खेती जैसे सेक्टरों में बढ़त प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि यह सर्वश्रेष्ठ समय में से एक है,बहुत अच्छा समय चल रहा है और अगर हम इस स्टार्टअप आईपीआर सुरक्षा पर ध्यान देते हैं तो हमें हमारे पारंपरिक ज्ञान के साथ अपने स्टार्टअप उद्यमों की सहायता करने का लाभ प्राप्त हो सकता है। और अगर हम ऐसा करते हैं तो वास्तव में हमें दूसरे देशों के मुकाबले बढ़त हासिल हो सकती है।“
–आईएएनएस
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