चेन्नई, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। तमिलनाडु में तिरुनेलवेली के अम्बासमुद्रम हिरासत में यातना मामले ने राज्य को हिला कर रख दिया है। जिसके कारण तीन निरीक्षकों, एक उप-निरीक्षक और दो कांस्टेबलों के साथ और अधिक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिन्हें रिक्ति रिजर्व के तहत रखा गया था।
यह मामला तब सामने आया जब यह आरोप सामने आया कि तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक बलवीर सिंह ने गिरफ्तार किए गए कई लोगों को बेरहमी से प्रताड़ित किया, जिसमें लोहे की सरौता से उनके दांत तोड़ना और एक नव-विवाहित आरोपी के अंडकोष को कुचलना शामिल था।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मामले में हस्तक्षेप किया और डीजीपी ने बलवीर सिंह को सेवा से निलंबित कर दिया। तिरुनेलवेली के पुलिस अधीक्षक पी सरवनन को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय में स्थानांतरित किए जाने के बाद उनके पद से हटा दिया गया और अनिवार्य प्रतीक्षा पर रखा गया।
जांच अधिकारी के रूप में तैनात चीरनमहादेवी उप-कलेक्टर मोहम्मद शबीर आलम ने इन तीन पुलिस स्टेशनों का दौरा किया और पुलिस अधिकारियों को उन पुलिस स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज जमा करने का निर्देश दिया, जहां कथित तौर पर यातना दी गई थी। जिसके बाद छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
उन्हें रिक्ति रिजर्व के तहत इस आरोप में रखा गया था कि जब एएसपी कथित यातना में लिप्त थे तब उन्होंने उच्च अधिकारियों को सूचित नहीं किया था।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम