अबू धाबी, 22 जून (आईएएनएस)। एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि अमेरिका की तुलना में अरब देशों के युवा चीन को अपने देश के सहयोगी के रूप में देख रहे हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, दुबई स्थित जनसंपर्क फर्म एएसडीएए बीसीडब्ल्यू द्वारा किए गए अरब युवा सर्वे में चीन दूसरे स्थान पर है, जबकि अमेरिका मित्र माने जाने वाले देशों में सातवें स्थान पर है।
सर्वे से पता चला है कि बीते कुछ सालों में चीन के लिए समर्थन धीरे-धीरे बढ़ा है क्योंकि बीजिंग इस क्षेत्र में अपने पदचिह्न् का विस्तार कर रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, लेकिन यह भी खुलासा किया कि अरब लोग चाहते हैं कि अमेरिका मध्य पूर्व में एक छोटी भूमिका निभाए।
सर्वे में शामिल 80 प्रतिशत उत्तरदाता चीन को अपने देश का सहयोगी मानते हैं, जबकि 72 प्रतिशत ने अमेरिका को सहयोगी माना है।
इसके विपरीत, सर्वे के 2018 एडिशन में पाया गया कि रूस को छोड़कर सहयोगी के रूप में देखे जाने वाले टॉप पांच देशों में अन्य अरब देशों का दबदबा है, जो चौथे स्थान पर है। टॉप पांच में न तो चीन और न ही अमेरिका था। 2015 के सर्वे में अमेरिका दूसरे स्थान पर था।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के सर्वे में इसके 15वें एडिशन में 18 अरब देशों के 53 शहरों में 18 से 24 वर्ष की आयु के 3,600 अरबों के आमने-सामने इंटरव्यू शामिल थे, जो क्षेत्र में बदलते राजनीतिक परि²श्य से प्रेरित उभरती भावनाओं को दर्शाते हैं।
अमेरिका लगातार लोकप्रिय बना हुआ है, हालांकि अन्य देश पिछले कुछ सालों में रैंकिंग में उससे आगे निकल गए हैं। इस साल 82 प्रतिशत अरब युवाओं ने तुर्की को अपना सहयोगी देश माना है।
सर्वे में शामिल लोगों में से 61 प्रतिशत ने कहा कि वे मध्य पूर्व से अमेरिका की वापसी का समर्थन करते हैं, इसके लिए सबसे अधिक समर्थन उत्तरी अफ्रीका और लेवांत में दर्ज किया गया है।
अरब देश, खासकर खाड़ी के देश अमेरिका की घटती दिलचस्पी से निराश हैं और हाल के वर्षों में उन्होंने अपनी विदेश नीति बनानी शुरू कर दी है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यूक्रेन युद्ध में पक्ष लेने से इनकार कर दिया है और चीन के करीब आ गए हैं।
–आईएएनएस
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