नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा बुधवार भी जारी रहेगी। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार के खिलाफ सदन में बोलते नजर आएंगे, वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे।
भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसकेपी
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नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा बुधवार भी जारी रहेगी। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार के खिलाफ सदन में बोलते नजर आएंगे, वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे।
भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा बुधवार भी जारी रहेगी। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार के खिलाफ सदन में बोलते नजर आएंगे, वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे।
भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा बुधवार भी जारी रहेगी। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार के खिलाफ सदन में बोलते नजर आएंगे, वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे।
भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा बुधवार भी जारी रहेगी। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार के खिलाफ सदन में बोलते नजर आएंगे, वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे।
भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
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भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।
कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे राहुल गांधी करेंगे तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।
अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।