जयपुर, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। जयपुर के जवाहर सर्किल थाने में बुधवार को अवैध किडनी प्रत्यारोपण, फर्जी एनओसी जारी करने और एक अंतर्राष्ट्रीय अंग तस्करी रैकेट की संलिप्तता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
अंग प्रत्यारोपण के लिए रिश्वत लेकर फर्जी एनओसी जारी करने की जानकारी मिलने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया।
सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक कर मामले की त्वरित जांच के निर्देश दिये।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामले में कथित संलिप्तता के लिए जयपुर के एक निजी अस्पताल से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में एक अंतर्राष्ट्रीय रैकेट के शामिल होने की बात कही जा रही है।
जांच से पता चला कि जयपुर के एक निजी अस्पताल में कुछ बांग्लादेशी नागरिकों का अवैध किडनी प्रत्यारोपण किया गया था, जिसमें दाता और रिसीवर न तो रिश्तेदार थे और न ही वे एक-दूसरे को जानते थे। ऑपरेशन के बाद मरीजों को गुरुग्राम भेज दिया गया।
हाल ही में गुरुग्राम के एक होटल में छापेमारी के बाद इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, जहां एक बांग्लादेशी नागरिक पाया गया, जिसकी जयपुर में संदिग्ध वित्तीय व्यवस्था के तहत किडनी निकलवाने की सर्जरी हुई थी।
पीड़ितों के बयान के मुताबिक, उनसे अस्पताल प्रशासन या किसी अन्य डॉक्टर द्वारा एनओसी जमा करने के लिए भी नहीं कहा गया। दाता और प्राप्तकर्ता के बीच रक्त संबंध साबित करने के लिए कोई दस्तावेज़ नहीं मांगा गया था।
इसके बदले उनसे कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए, जबकि रिश्वत के बदले फर्जी एनओसी जारी की गई।
इस रैकेट का मास्टरमाइंड झारखंड का मूल निवासी मोहम्मद मुर्तजा अंसारी नाम का शख्स है, जो अभी फरार है।
–आईएएनएस
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