नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। प्रोफेसर सब्यसाची दास के इस्तीफे और अकादमिक स्वतंत्रता के लिए समिति के गठन के लिए संकाय सदस्यों द्वारा उन्हें पत्र लिखने के मद्देनजर, अशोक विश्वविद्यालय के कुलपति सोमक रायचौधरी ने सभी सदस्यों को आश्वासन दिया कि अब उपाय किए जा रहे हैं। समिति बनाने के लिए और इसे बनाने में उनका पूरा समर्थन है।
15 अगस्त को एक आंतरिक मेल में रायचौधरी ने कहा, “मुझे और संकाय के डीन को याचिका सौंपने के लिए धन्यवाद।”
वीसी दास के इस्तीफे का जिक्र करते हुए ने कहा, “उन्होंने कई दिन पहले फैकल्टी के डीन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। तब से उनका इस्तीफा स्वीकार किए जाने से पहले उन्हें मनाने के लिए व्यापक प्रयास किए गए थे।”
14 अगस्त को अकादमिक परिषद की अपनी बैठक का उल्लेख करते हुए रायचौधरी ने कहा : “जैसा कि मैंने कल अकादमिक परिषद की बैठक में कहा था, अकादमिक स्वतंत्रता के लिए समिति के गठन के लिए हमसे अपील करने की कोई जरूरत नहीं है।”
उन्होंने कहा, “जैसा कि मैं समझता हूं, भले ही पिछले दो वर्षों में संकाय के डीन द्वारा कई बार इसका प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन समिति का गठन नहीं किया जा सका, क्योंकि किसी भी संकाय सदस्य ने स्वेच्छा से भाग नहीं लिया।”
रायचौधरी ने कहा, “मुझे खुशी है कि अब इस समिति के गठन के लिए उपाय किए जा रहे हैं और फैकल्टी हैंडबुक में दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करते हुए इसे जल्द से जल्द बनाने में आपको मेरा पूरा समर्थन है।”
उनकी यह टिप्पणी अशोक विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के दूसरे प्रोफेसर पुलप्रे बालाकृष्णन के भी सहायक प्रोफेसर दास के इस्तीफे को स्वीकार किए जाने के विरोध में इस्तीफा देने के बाद आई है।
–आईएएनएस
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