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Home ताज़ा समाचार

असम में भाजपा की जीत पर ब्रेक लगाने के लिए एआईयूडीएफ नहीं लड़ेगी उपचुनाव: बदरुद्दीन अजमल

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October 23, 2024
in ताज़ा समाचार
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गुवाहाटी, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने बुधवार को कहा कि असम में होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि यह फैसला भाजपा को सीटें जीतने से रोकने के लिए लिया गया है।

बदरुद्दीन अजमल ने पहले घोषणा की थी कि पार्टी सामागुरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। हालांकि, उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया और पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।

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अजमल ने कहा, “यदि हम उपचुनाव वाली पांच सीटों में से किसी पर भी उम्मीदवार उतारते हैं, तो भाजपा को फायदा होगा। हम इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को बढ़त नहीं देना चाहते। एआईयूडीएफ का मकसद भाजपा की जीत पर ब्रेक लगाना है और इसीलिए हमने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।”

एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल को इस साल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने धुबरी से हराया था। हुसैन लंबे समय तक सामागुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अजमल के खिलाफ धुबरी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था।

रकीबुल हुसैन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एआईयूडीएफ प्रमुख को 10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इस बीच, लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उनकी विधानसभा सीट सामागुरी रिक्त हो गई और वहां उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया। कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए सामागुरी सीट से रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को टिकट दिया है।

अजमल ने कहा, “धुबरी में रकीबुल हुसैन के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनके बेटे के साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मेरी इच्छा है कि उपचुनाव में उन्हें सामागुरी से विधायक चुना जाए। वह आशीर्वाद लेने के लिए मेरे घर आए थे।”

वहीं दूसरी ओर, भाजपा इस बार सामागुरी से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में है। सत्तारूढ़ पार्टी ने उपचुनाव के लिए अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार में लगा दिया है। पार्टी धोलाई, सामागुरी और बेहाली के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। सामागुरी से डी. रंजन सरमा, बेहाली से दिगंता घटोवार और धोलाई से निहार रंजन दास चुनावी मैदान में हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/

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गुवाहाटी, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने बुधवार को कहा कि असम में होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि यह फैसला भाजपा को सीटें जीतने से रोकने के लिए लिया गया है।

बदरुद्दीन अजमल ने पहले घोषणा की थी कि पार्टी सामागुरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। हालांकि, उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया और पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।

अजमल ने कहा, “यदि हम उपचुनाव वाली पांच सीटों में से किसी पर भी उम्मीदवार उतारते हैं, तो भाजपा को फायदा होगा। हम इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को बढ़त नहीं देना चाहते। एआईयूडीएफ का मकसद भाजपा की जीत पर ब्रेक लगाना है और इसीलिए हमने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।”

एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल को इस साल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने धुबरी से हराया था। हुसैन लंबे समय तक सामागुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अजमल के खिलाफ धुबरी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था।

रकीबुल हुसैन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एआईयूडीएफ प्रमुख को 10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इस बीच, लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उनकी विधानसभा सीट सामागुरी रिक्त हो गई और वहां उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया। कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए सामागुरी सीट से रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को टिकट दिया है।

अजमल ने कहा, “धुबरी में रकीबुल हुसैन के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनके बेटे के साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मेरी इच्छा है कि उपचुनाव में उन्हें सामागुरी से विधायक चुना जाए। वह आशीर्वाद लेने के लिए मेरे घर आए थे।”

वहीं दूसरी ओर, भाजपा इस बार सामागुरी से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में है। सत्तारूढ़ पार्टी ने उपचुनाव के लिए अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार में लगा दिया है। पार्टी धोलाई, सामागुरी और बेहाली के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। सामागुरी से डी. रंजन सरमा, बेहाली से दिगंता घटोवार और धोलाई से निहार रंजन दास चुनावी मैदान में हैं।

–आईएएनएस

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गुवाहाटी, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने बुधवार को कहा कि असम में होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि यह फैसला भाजपा को सीटें जीतने से रोकने के लिए लिया गया है।

बदरुद्दीन अजमल ने पहले घोषणा की थी कि पार्टी सामागुरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। हालांकि, उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया और पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।

अजमल ने कहा, “यदि हम उपचुनाव वाली पांच सीटों में से किसी पर भी उम्मीदवार उतारते हैं, तो भाजपा को फायदा होगा। हम इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को बढ़त नहीं देना चाहते। एआईयूडीएफ का मकसद भाजपा की जीत पर ब्रेक लगाना है और इसीलिए हमने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।”

एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल को इस साल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने धुबरी से हराया था। हुसैन लंबे समय तक सामागुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अजमल के खिलाफ धुबरी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था।

रकीबुल हुसैन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एआईयूडीएफ प्रमुख को 10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इस बीच, लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उनकी विधानसभा सीट सामागुरी रिक्त हो गई और वहां उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया। कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए सामागुरी सीट से रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को टिकट दिया है।

अजमल ने कहा, “धुबरी में रकीबुल हुसैन के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनके बेटे के साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मेरी इच्छा है कि उपचुनाव में उन्हें सामागुरी से विधायक चुना जाए। वह आशीर्वाद लेने के लिए मेरे घर आए थे।”

वहीं दूसरी ओर, भाजपा इस बार सामागुरी से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में है। सत्तारूढ़ पार्टी ने उपचुनाव के लिए अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार में लगा दिया है। पार्टी धोलाई, सामागुरी और बेहाली के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। सामागुरी से डी. रंजन सरमा, बेहाली से दिगंता घटोवार और धोलाई से निहार रंजन दास चुनावी मैदान में हैं।

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बदरुद्दीन अजमल ने पहले घोषणा की थी कि पार्टी सामागुरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। हालांकि, उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया और पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।

अजमल ने कहा, “यदि हम उपचुनाव वाली पांच सीटों में से किसी पर भी उम्मीदवार उतारते हैं, तो भाजपा को फायदा होगा। हम इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को बढ़त नहीं देना चाहते। एआईयूडीएफ का मकसद भाजपा की जीत पर ब्रेक लगाना है और इसीलिए हमने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।”

एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल को इस साल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने धुबरी से हराया था। हुसैन लंबे समय तक सामागुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अजमल के खिलाफ धुबरी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था।

रकीबुल हुसैन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एआईयूडीएफ प्रमुख को 10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इस बीच, लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उनकी विधानसभा सीट सामागुरी रिक्त हो गई और वहां उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया। कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए सामागुरी सीट से रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को टिकट दिया है।

अजमल ने कहा, “धुबरी में रकीबुल हुसैन के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनके बेटे के साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मेरी इच्छा है कि उपचुनाव में उन्हें सामागुरी से विधायक चुना जाए। वह आशीर्वाद लेने के लिए मेरे घर आए थे।”

वहीं दूसरी ओर, भाजपा इस बार सामागुरी से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में है। सत्तारूढ़ पार्टी ने उपचुनाव के लिए अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार में लगा दिया है। पार्टी धोलाई, सामागुरी और बेहाली के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। सामागुरी से डी. रंजन सरमा, बेहाली से दिगंता घटोवार और धोलाई से निहार रंजन दास चुनावी मैदान में हैं।

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बदरुद्दीन अजमल ने पहले घोषणा की थी कि पार्टी सामागुरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। हालांकि, उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया और पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।

अजमल ने कहा, “यदि हम उपचुनाव वाली पांच सीटों में से किसी पर भी उम्मीदवार उतारते हैं, तो भाजपा को फायदा होगा। हम इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को बढ़त नहीं देना चाहते। एआईयूडीएफ का मकसद भाजपा की जीत पर ब्रेक लगाना है और इसीलिए हमने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।”

एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल को इस साल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने धुबरी से हराया था। हुसैन लंबे समय तक सामागुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अजमल के खिलाफ धुबरी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था।

रकीबुल हुसैन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एआईयूडीएफ प्रमुख को 10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इस बीच, लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उनकी विधानसभा सीट सामागुरी रिक्त हो गई और वहां उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया। कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए सामागुरी सीट से रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को टिकट दिया है।

अजमल ने कहा, “धुबरी में रकीबुल हुसैन के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनके बेटे के साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मेरी इच्छा है कि उपचुनाव में उन्हें सामागुरी से विधायक चुना जाए। वह आशीर्वाद लेने के लिए मेरे घर आए थे।”

वहीं दूसरी ओर, भाजपा इस बार सामागुरी से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में है। सत्तारूढ़ पार्टी ने उपचुनाव के लिए अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार में लगा दिया है। पार्टी धोलाई, सामागुरी और बेहाली के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। सामागुरी से डी. रंजन सरमा, बेहाली से दिगंता घटोवार और धोलाई से निहार रंजन दास चुनावी मैदान में हैं।

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बदरुद्दीन अजमल ने पहले घोषणा की थी कि पार्टी सामागुरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। हालांकि, उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया और पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।

अजमल ने कहा, “यदि हम उपचुनाव वाली पांच सीटों में से किसी पर भी उम्मीदवार उतारते हैं, तो भाजपा को फायदा होगा। हम इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को बढ़त नहीं देना चाहते। एआईयूडीएफ का मकसद भाजपा की जीत पर ब्रेक लगाना है और इसीलिए हमने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।”

एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल को इस साल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने धुबरी से हराया था। हुसैन लंबे समय तक सामागुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अजमल के खिलाफ धुबरी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था।

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अजमल ने कहा, “धुबरी में रकीबुल हुसैन के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनके बेटे के साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मेरी इच्छा है कि उपचुनाव में उन्हें सामागुरी से विधायक चुना जाए। वह आशीर्वाद लेने के लिए मेरे घर आए थे।”

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बदरुद्दीन अजमल ने पहले घोषणा की थी कि पार्टी सामागुरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। हालांकि, उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया और पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।

अजमल ने कहा, “यदि हम उपचुनाव वाली पांच सीटों में से किसी पर भी उम्मीदवार उतारते हैं, तो भाजपा को फायदा होगा। हम इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को बढ़त नहीं देना चाहते। एआईयूडीएफ का मकसद भाजपा की जीत पर ब्रेक लगाना है और इसीलिए हमने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।”

एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल को इस साल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने धुबरी से हराया था। हुसैन लंबे समय तक सामागुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अजमल के खिलाफ धुबरी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था।

रकीबुल हुसैन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एआईयूडीएफ प्रमुख को 10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इस बीच, लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उनकी विधानसभा सीट सामागुरी रिक्त हो गई और वहां उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया। कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए सामागुरी सीट से रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को टिकट दिया है।

अजमल ने कहा, “धुबरी में रकीबुल हुसैन के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनके बेटे के साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मेरी इच्छा है कि उपचुनाव में उन्हें सामागुरी से विधायक चुना जाए। वह आशीर्वाद लेने के लिए मेरे घर आए थे।”

वहीं दूसरी ओर, भाजपा इस बार सामागुरी से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में है। सत्तारूढ़ पार्टी ने उपचुनाव के लिए अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार में लगा दिया है। पार्टी धोलाई, सामागुरी और बेहाली के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। सामागुरी से डी. रंजन सरमा, बेहाली से दिगंता घटोवार और धोलाई से निहार रंजन दास चुनावी मैदान में हैं।

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