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Home राष्ट्रीय

आंध्र पुलिस ने अमरावती भूमि आवंटन के खिलाफ पदयात्रा को विफल किया

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May 13, 2023
in राष्ट्रीय
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आंध्र पुलिस ने अमरावती भूमि आवंटन के खिलाफ पदयात्रा को विफल किया
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विजयवाड़ा, 13 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को जय भीम पार्टी के अध्यक्ष जे. श्रवण कुमार द्वारा अमरावती में गैर-स्थानीय लोगों को घर आवंटित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ पदयात्रा को विफल कर दिया।

श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

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श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

–आईएएनएस

एसजीके/

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विजयवाड़ा, 13 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को जय भीम पार्टी के अध्यक्ष जे. श्रवण कुमार द्वारा अमरावती में गैर-स्थानीय लोगों को घर आवंटित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ पदयात्रा को विफल कर दिया।

श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

–आईएएनएस

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विजयवाड़ा, 13 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को जय भीम पार्टी के अध्यक्ष जे. श्रवण कुमार द्वारा अमरावती में गैर-स्थानीय लोगों को घर आवंटित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ पदयात्रा को विफल कर दिया।

श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

–आईएएनएस

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विजयवाड़ा, 13 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को जय भीम पार्टी के अध्यक्ष जे. श्रवण कुमार द्वारा अमरावती में गैर-स्थानीय लोगों को घर आवंटित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ पदयात्रा को विफल कर दिया।

श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

–आईएएनएस

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विजयवाड़ा, 13 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को जय भीम पार्टी के अध्यक्ष जे. श्रवण कुमार द्वारा अमरावती में गैर-स्थानीय लोगों को घर आवंटित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ पदयात्रा को विफल कर दिया।

श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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विजयवाड़ा, 13 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को जय भीम पार्टी के अध्यक्ष जे. श्रवण कुमार द्वारा अमरावती में गैर-स्थानीय लोगों को घर आवंटित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ पदयात्रा को विफल कर दिया।

श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

–आईएएनएस

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

–आईएएनएस

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विजयवाड़ा, 13 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को जय भीम पार्टी के अध्यक्ष जे. श्रवण कुमार द्वारा अमरावती में गैर-स्थानीय लोगों को घर आवंटित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ पदयात्रा को विफल कर दिया।

श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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श्रवण ने अमरावती में विजयवाड़ा से अंबेडकर स्मृति वनम तक पदयात्रा की घोषणा की थी। हालांकि, जब वह एक होटल से निकल रहे थे तो पुलिस ने उनहें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें भवानीपुरम थाना भेज दिया गया।

श्रवण ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अमरावती के किसानों के प्रति सरकार के रुख के विरोध में पैदल मार्च की योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया है।

उच्च न्यायालय के वकील श्रवण ने कहा कि वह किसानों के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे।

राज्य सरकार ने मार्च में अमरावती में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक नया क्षेत्र आर-5 घोषित किया था।

इस कदम ने किसानों को नाराज कर दिया है, जो पहले से ही राज्य की राजधानी को विकसित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

अमरावती किसानों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि निर्णय उनसे परामर्श किए बिना लिया गया था, क्योंकि उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे राजधानी क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी और उनके हितों पर असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने 5 मई को अमरावती के किसानों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आवास स्थलों का आवंटन मामले में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।

किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन कर आवास आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि क्षेत्र के विकास के बाद स्थानीय लोगों को साइट आवंटित की जानी चाहिए।

लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया और तर्क दिया कि किसान सरकार द्वारा उन्हें दी गई भूमि की मांग कर सकते हैं, लेकिन उसे किसी को भी भूमि आवंटित करने का अधिकार है। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने गरीबों को जमीन आवंटित करने का फैसला लिया है।

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने चार गांवों में फैली 900 एकड़ से अधिक भूमि पर गरीब लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए अमरावती मास्टर प्लान में संशोधन किया था।

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