नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। आईआईआईटी-दिल्ली का कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग (सीएसई), ने एक नया कोर्स मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (अनुसंधान) शुरू किया है। इस दो वर्षीय प्रोग्राम को इंडस्ट्री और समाज के लिए प्रासंगिक कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में जटिल शोध समस्याओं को हल करने के लिए प्री-डॉक्टरेट स्तर पर छात्रों को तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है।
आईआईआईटी का कहना है कि प्रोग्राम के पूरा हो जाने पर छात्र आज की अत्याधुनिक कंप्यूटिंग तकनीक के मूलभूत विषय को गहराई से समझ पाएंगे। वे अनुसंधान समस्याओं को कुशलतापूर्वक हल करने के लिए मौजूदा एल्गोरिदम, मॉडल और तकनीकों को लागू करने में सक्षम होंगे।
आईआईआईटी-दिल्ली में रेगुलर एमटेक (सीएसई) की तुलना में इस प्रोग्राम के पहले वर्ष की फीस काफी कम है। प्रोग्राम के दूसरे साल के लिए कोई शुल्क नहीं है। प्रोग्राम के दौरान लगभग सभी खचरें को पूरा करने के लिए हर महीने 21,000 रुपये की छात्रवृत्ति है। संस्थान में पीएचडी कर रहे छात्रों के बराबर ट्रेवल सपोर्ट है। लैपटॉप खरीदने के लिए 50,000 रुपये तक की सहायता और हर साल अतिरिक्त आकस्मिक जरूरतों के लिए 10,000 रुपये तक का प्रावधान है।
इस प्रोग्राम का एक छात्र पूरी ट्यूशन फीस वापसी के साथ पूर्णकालिक पीएचडी कार्यक्रम (आमतौर पर एक वर्ष बाद) में जाने का पात्र होगा।
इस पाठ्यक्रम को पूरा करने वाले छात्र उद्योग और समाज की जरूरतों को पूरा करने वाले नए और अलग तरह के अनुप्रयोगों के लिए नई प्रणालियों को डिजाइन, विकसित और मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे। वह अपनी तकनीकी स्किल को बढ़ाने के साथ-साथ छात्र पेशेवर और नैतिक जिम्मेदारी भी सीखेंगे। वे व्यापक दर्शकों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में सक्षम होंगे और व्यक्तिगत तौर पर और एक टीम के हिस्से के रूप में असरदार तरीके से काम करने में सफल रहेंगे।
प्रोग्राम की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए आईआईआईटी ने बताया कि यह गुणवत्ता और मान्यता के संदर्भ में अनुसंधान कार्यक्रमों द्वारा विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित एमएस एमटेक के बराबर की डिग्री है। इसमें लगातार आगे बढ़ते शैक्षणिक और इंडस्ट्रियल अनुसंधान क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण रोजगार और प्लेसमेंट की संभावनाएं हैं।कार्यक्रम कम शुल्क, उच्च छात्रवृत्ति, पीएचडी छात्रों के बराबर प्रोत्साहन के साथ आता है। यह एक महत्वपूर्ण पीएचडी प्रोग्राम को जारी रखने वाला मार्ग है।
–आईएएनएस
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