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आईआईटी में 12 प्रतिशत बढ़ी छात्राओं की संख्या

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December 12, 2023
in राष्ट्रीय
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आईआईटी में 12 प्रतिशत बढ़ी छात्राओं की संख्या
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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

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उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि यहां छात्राओं का नामांकन 20 प्रतिशत तक हुआ है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में महिला विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से अतिरिक्त सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे महिला नामांकन 2018-19 के 8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत तक हो गया है।

उच्च शिक्षा के लिए आयोजित अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) के अनुसार, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथ (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में महिला नामांकन 2014-15 में 38.4 प्रतिशत था जो अब 2021-22 (अनंतिम) में बढ़कर 42.6 प्रतिशत हो गया है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2023 में प्राप्त हुए विश्व बैंक के लिंग आधारित डेटा के अनुसार, भारत में तृतीयक शिक्षा के प्रतिशत के रूप में एसटीईएम से स्नातक महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7 प्रतिशत है। यह अमरीका (2016) में 34 प्रतिशत, ब्रिटेन (2016) में 38.1 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1 प्रतिशत और जर्मनी (2017) में केवल 27.6 प्रतिशत है।

मंत्रालय का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के उद्देश्य से महिला विद्यार्थियों को बढ़ावा देने हेतु महिलाओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति और टेक सक्षम कार्यक्रम (टीएसपी) भी शुरू किया है। प्रगति छात्रवृत्ति वर्ष 2014 में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

एआईसीटीई तकनीकी शिक्षा में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को 10,000 छात्रवृत्ति (प्रगति) प्रदान कर रही है। टेक सक्षम कार्यक्रम एक टॉप-अप कार्यक्रम है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाने वाली महिला विद्यार्थियों के बीच रोजगार कौशल विकसित करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा का उपयोग करता है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने यह जानकारी संसद में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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