फिल्म : ‘पागलपन : नेक्स्ट लेवल’
फिल्म की अवधि : 128 मिनट
निर्देशक : आर्यमन रामसे
कलाकार : गुरु मान, साशा पदमसी, आर्या बब्बर, पूनम रामसे, रितु राज, सुपर्णा मारवाह और राकेश बेदी
आईएएनएस रेटिंग : 3 स्टार
मुंबई, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह एक ऐसे व्यक्ति की परीक्षाओं, कष्टों और अंतिम विजय की यात्रा की कहानी है, जो सामाजिक अपेक्षाओं को खारिज करता है।
यह जीवनी पर आधारित फिल्म गुरु मान के जीवन का वर्णन करती है, एक ऐसे व्यक्ति जिसने मानदंडों को चुनौती देने और अपने ‘मिशन इंडिया फिट’ अभियान के साथ भारत में फिटनेस क्रांति शुरू करने का साहस किया।
मान की कहानी साधारण बायोपिक नहीं है। यह एक सम्मोहक कथा है जो गहराई, भावना और एक मजबूत संदेश के साथ सामने आती है।
यह फिल्म अमृतसर में गुरु मान के पालन-पोषण के बारे में एक आकर्षक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जहां वह एक समय एक शरारती कॉलेज छात्र थे, और समय-समय पर मुसीबत में पड़ जाते थे। हालांकि, उनके जीवन में एक नाटकीय मोड़ आया, जब उन्हें अकल्पनीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें एक खतरनाक कार दुर्घटना भी शामिल है।
कहानी का मूल उस विरोध पर आधारित है, जिसका सामना मान को अपने पिता से करना पड़ा, जिन्होंने उनके फिटनेस सपने का विरोध किया। पारंपरिक मूल्यों और व्यावहारिक चिंताओं में निहित यह संघर्ष, फिल्म का भावनात्मक केंद्र बनता है। पिता-बेटे के रिश्ते को ईमानदारी के साथ चित्रित किया गया है, जो कथा में प्रामाणिकता की परतें जोड़ता है।
गुरु मान की संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा, एक अप्रवासी के रूप में उनके संघर्ष और फिटनेस के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के उनके दृढ़ संकल्प को धैर्य और यथार्थवाद के साथ चित्रित किया गया है। फिल्म प्यार और रोमांस के क्षणों में उनके सामने आने वाली कठिनाइयों को संतुलित करती है। उन्हें अपना सच्चा प्यार मिल जाता है और वह एक विदेशी भूमि में अपना जीवन गुजारते हैं।
गुरु मान ने अपनी पहली अभिनय भूमिका में शानदार प्रदर्शन किया है। वह प्रभावशाली स्क्रीन उपस्थिति और अपनी जीवन कहानी का ईमानदार चित्रण प्रदर्शित करते हैं।
गुरु मान के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली साशा पदमसी ने फिल्म की भावनात्मक गहराई में योगदान करते हुए एक सम्मोहक प्रदर्शन दिया है।
फिल्म में निर्देशकीय प्रयास स्पष्ट हैं। सिनेमैटोग्राफी भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों के सार को दर्शाती है, जो फिल्म की दृश्य अपील को बढ़ाती है।
जो चीज़ ‘पागलपन : नेक्स्ट लेवल’ को वास्तव में उल्लेखनीय बनाती है, वह है इसकी प्रेरित करने की क्षमता। प्रतिकूल परिस्थितियों से दुनिया में सबसे अमीर भारतीय फिटनेस ट्रेनर बनने तक गुरु मान की यात्रा दृढ़ता, जुनून और अटूट दृढ़ संकल्प की शक्ति का प्रमाण है।
फिल्म केवल एक जीवनी संबंधी विवरण को चित्रित नहीं करती है, यह लोगों को अपनी फिटनेस को गंभीरता से लेने और एक आंदोलन शुरू करने के लिए कार्रवाई का आह्वान करता है।
ऐसे समय में जहां बायोपिक्स की संख्या एक दर्जन से भी कम है, ‘पागलपन : नेक्स्ट लेवल’ एक व्यक्ति की अदम्य भावना का एक उल्लेखनीय संस्मरण है।
एक छोटे शहर से करोड़पति फिटनेस सेंसेशन बनने तक मान की यात्रा सिर्फ एक उपलब्धि नहीं है, यह सपनों को पूरा करने के दृढ़ विश्वास का प्रमाण है।
–आईएएनएस
पीके/एबीएम