पणजी, 23 नवंबर (आईएएनएस)। पुर्तगाली फिल्म ‘ए बेला अमेरिका’ के निर्देशक एंटोनियो फरेरा ने इस बात पर दुख जताते हुए बुधवार को कहा कि जैसे-जैसे समाज समृद्ध हो रहा है, असमानता भी बढ़ रही है।
फरेरा यहां बुधवार को 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में ‘सिनेमा ऑफ द वर्ल्ड’ श्रेणी के तहत अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद प्रतिनिधियों और सिनेमा प्रेमियों के साथ बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “हम असमानता को बढ़ते हुए देख रहे हैं… समाज किसी तरह समृद्ध हो रहा है, लेकिन साथ ही असमानता भी बढ़ रही है। ये ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें पुर्तगाल (के कुछ हिस्सों) में सैकड़ों लोग सड़कों पर रहते हैं, क्योंकि वे घर का खर्च वहन नहीं कर सकते। इससे मुझे चिंता होती है।”
‘ए बेला अमेरिका’ फिल्म के असमानता के मूल संदेश को व्यक्त करने के लिए भोजन, लोकलुभावनवाद और हास्य के विषयों को आपस में जोड़ता है।
फिल्म निर्माता एक सामूहिक चेतना को प्रेरित करने का प्रयास करता है, सभी से विभाजन को पाटने और एक ऐसी दुनिया बनाने का आग्रह करता है, जहां समानता सिर्फ एक आकांक्षा नहीं है, बल्कि एक जीवित वास्तविकता है।
गहरे सामाजिक संदेशों को व्यक्त करने के लिए कॉमेडी का उपयोग करने के बारे में उन्होंने कहा कि हास्य उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और वही फिल्म में भी झलकता है।
‘ए बेला अमेरिका’ में, लिस्बन रेस्तरां में काम करने वाला एक प्रतिभाशाली रसोइया लुकास, एक खूबसूरत और सफल टेलीविजन हस्ती अमेरिका के प्यार में पड़ जाता है। वह उसके दरवाजे पर भोजन रखना शुरू कर देता है, जिससे उसकी जिज्ञासा बढ़ती है और वह उसे खोजने के लिए प्रेरित होती है। धीरेेेे-धीरे उनके बीच गुप्त रिश्ता पनपता है।
–आईएएनएस
एसजीके