नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। सभी आयु समूहों में पुरुष और महिला राष्ट्रीय टीमों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की तकनीकी समिति की बुधवार को वर्चुअल बैठक हुई।
बैठक की अध्यक्षता भारत के पूर्व कप्तान आईएम विजयन ने की और इसमें एआईएफएफ महासचिव शाजी प्रभाकरन, उप महासचिव सत्यनारायण एम, तकनीकी निदेशक सैयद साबिर पाशा और सदस्य पिंकी बोमपाल मगर, हरजिंदर सिंह, अरुण मल्होत्रा, क्लाइमेक्स लॉरेंस और यूजीनसन लिंगदोह ने भाग लिया।
महासचिव ने तकनीकी समिति को उस समझौता ज्ञापन के बारे में सूचित किया जिस पर एआईएफएफ ने मध्य एशियाई फुटबॉल संघ (सीएएफए) के साथ हस्ताक्षर किए थे। एमओयू के अनुसार, सभी आयु समूहों की भारतीय राष्ट्रीय टीमों को सीएएफए टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
तकनीकी समिति के सदस्यों ने इस तथ्य की सराहना की कि सीएएफए के सदस्य देश मूल रूप से मजबूत फुटबॉल खेलने वाले देश हैं, और इससे भारतीय फुटबॉलरों को कठिन विरोधियों के खिलाफ खेलने में मदद मिलेगी।
प्रभाकरन ने कहा, “जिन टूर्नामेंटों में हम मध्य एशियाई टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगे, उनसे हमारे फुटबॉलरों को उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और प्रदर्शन करने में काफी मदद मिलेगी। इस तरह के टूर्नामेंट खेलने का अवसर मिलने से हमें उच्च लक्ष्य रखने में मदद मिलेगी और हमारा लक्ष्य 2026 तक शीर्ष एशियाई टीमों को चुनौती देना शुरू करना है।”
समिति ने इस साल की शुरुआत में एशियाई खेलों में उच्च रैंकिंग वाले विरोधियों और कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद पुरुष और महिला टीम के खिलाड़ियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
सदस्यों ने यह भी सिफारिश की कि एशियाई खेलों जैसे टूर्नामेंटों के लिए क्लबों द्वारा रिलीज किए गए खिलाड़ियों के मामले पर अगली कार्यकारी समिति की बैठक में चर्चा की जाए।
समिति के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि सीनियर महिला राष्ट्रीय टीम ने एशियाई खेलों में थाईलैंड और चीनी ताइपे जैसे कठिन प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ सराहनीय प्रदर्शन किया, लेकिन सिफारिश की कि ब्लू टाइग्रेसेस को ऐसे आयोजनों की तैयारी के लिए लंबे समय तक तैयारी का समय और एक्सपोज़र मैत्री मैचदिया जाना चाहिए।
समिति ने सदस्यों को सुझाव दिया कि अंडर-23 राष्ट्रीय टीम का निर्माण किया जाना चाहिए, जिसका नेतृत्व वर्तमान सीनियर राष्ट्रीय टीम के सहायक कोच और भारत के पूर्व डिफेंडर महेश गवली को दिया जाए। खिलाड़ियों की प्रगति को सुव्यवस्थित करने के लिए गवली को अन्य जूनियर टीमों के विकास के लिए परियोजना का नेतृत्व करने के लिए भी सुझाव दिए गए।
एएफसी अंडर-17 महिला एशियाई कप क्वालीफायर में भारत की अंडर-17 महिला टीम के प्रदर्शन को सदस्यों ने खूब सराहा, खासकर जब उन्होंने कोरिया गणराज्य और थाईलैंड जैसी उच्च रैंकिंग वाली टीमों के खिलाफ अच्छी प्रतिस्पर्धा की।
एआईएफएफ ने तीन साल में पहली बार सब-जूनियर और जूनियर महिला राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया है जबकि सदस्यों को लगा कि भारत घरेलू स्तर पर जूनियर फुटबॉल में पिछड़ रहा है, जूनियर एलीट लीग और खेलो इंडिया के साथ ऐसी राष्ट्रीय चैंपियनशिप की शुरुआत से उस अंतर को पाटने में मदद मिलेगी।
समिति ने फेडरेशन को अंडर-19 खिलाड़ियों के लिए एक डेटाबेस बनाने का भी सुझाव दिया ताकि उनकी प्रगति को बेहतर ढंग से ट्रैक और मॉनिटर किया जा सके।
–आईएएनएस
आरआर