नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारतीय कुश्ती महासंघ के सभी निवर्तमान अधिकारियों पर तत्काल प्रभाव से डब्ल्यूएफआई के संचालन के संबंध में कोई भी प्रशासनिक कार्य करने से रोक लगा दी है।
इस निर्देश के साथ, हाल ही में गठित तदर्थ समिति को दिन-प्रतिदिन के आधार पर राष्ट्रीय खेल संघ के कार्यालय को चलाने के लिए स्वायत्त शक्ति प्राप्त होती है।
आईओए के संयुक्त सचिव और कार्यवाहक सीईओ कल्याण चौबे ने 12 मई को एक आदेश के माध्यम से निर्देश जारी किए, जिसमें कहा गया, आईओए द्वारा कुश्ती के अनुशासन के लिए नियुक्त तदर्थ समिति राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाएगी, जैसा कि खेल संहिता के नियमों में कहा गया है।
आदेश में आगे कहा गया, तदर्थ समिति के अस्तित्व में होने के साथ, डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों की कुश्ती के अनुशासन के लिए एनएसएफ के किसी भी कार्य के अभ्यास के संबंध में कोई भूमिका नहीं होगी और कोई भी प्रशासनिक, वित्तीय, नियामक या कोई अन्य भूमिका नहीं करेंगे।
कल्याण चौबे ने डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों से सभी आधिकारिक दस्तावेज, जिसमें वित्तीय दस्तावेज, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में खिलाड़ियों की भागीदारी, वेबसाइट प्रबंधन आदि शामिल हैं, तदर्थ समिति को सौंपने के लिए कहा है।
आईओए कार्यकारी परिषद ने 27 अप्रैल, 2023 को अपनी आपातकालीन बैठक में सर्वसम्मति से डब्ल्यूएफआई मामलों की कमान संभालने के लिए एक तदर्थ समिति बनाने का संकल्प लिया था, और 3 मई, 2023 को आईओए कार्यकारी परिषद के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा और सुमा शिरूर, आईओए की उत्कृष्ट योग्यता वाली खिलाड़ी, को मिलाकर दो सदस्यीय तदर्थ समिति नियुक्त की थी। ।
आने वाले दिनों में, आईओए सर्वोच्च न्यायालय या भारत के किसी भी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को तदर्थ समिति के तीसरे सदस्य के रूप में नियुक्त करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि डब्ल्यूएफआई के नए चुनाव सुचारू और पारदर्शी तरीके से हों।
–आईएएनएस
आरआर