नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की सात नई बटालियन गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जो चीन से लगी रणनीतिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रखवाली करती है।
लद्दाख और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसम में संपर्क प्रदान करने के उद्देश्य से, इसने 4 किमी लंबी शिंकुन ला सुरंग के निर्माण के साथ-साथ एक मार्ग के निर्माण को भी मंजूरी दी। दोनों फैसले सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) द्वारा लिए गए, जिसकी एक दिन पहले बैठक हुई थी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि प्रस्ताव के तहत सेक्टर मुख्यालय भी स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए 9400 नए पद सृजित किए जाएंगे। सेक्टर मुख्यालय 2025-26 तक स्थापित किया जाएगा और इसमें 1,808 करोड़ रुपये का आवर्ती व्यय होगा, जबकि सैनिकों की राशन और भोजन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 963 करोड़ रुपये के आवर्ती व्यय की आवश्यकता होगी।
2020 में, सीसीएस ने 12 स्टेजिंग कैंप स्थापित करने के साथ 47 नई सीमा चौकियों को मंजूरी दी थी। ठाकुर ने कहा कि ये वर्तमान में स्थापित किए जा रहे हैं, इन चौकियों और मंचन शिविरों के संचालन के लिए, सीसीएस द्वारा बुधवार को सात नई बटालियन बनाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा शिंकुन ला टनल के साथ एप्रोच रोड भी बनाई जाएगी।
ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि सीसीएस ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और सुरंग के दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसमें 1,681 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसके निर्माण से सभी मौसम में चलने वाली सड़क के माध्यम से लद्दाख को जांस्कर घाटी से जोड़ा जा सकेगा। मंत्री ने कहा कि इससे स्वास्थ्य, पर्यटन और शिक्षा क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और सर्दियों के दौरान आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करने और सैनिकों की आवाजाही को सुगम बनाने में भी मदद मिलेगी।
–आईएएनएस
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