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आदिवासी युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए शार्टटर्म कोर्सेज

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April 22, 2024
in राष्ट्रीय
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आदिवासी युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए शार्टटर्म कोर्सेज
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नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में आदिवासी और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के युवाओं को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में आदिवासी और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के युवाओं को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में आदिवासी और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के युवाओं को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

–आईएएनएस

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मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

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मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

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मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में आदिवासी और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के युवाओं को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

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मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

–आईएएनएस

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मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में आदिवासी और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के युवाओं को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी।

मंत्रालय के मुताबिक इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।

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मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे।

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मंत्रालय के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) इस पहल में साझेदार हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुताबिक स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म से शार्टटर्म कोर्सेज सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। यह कोर्सेज उद्योग-मान्यता प्राप्त हैं, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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