नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा इतिहास की किताबों से कुछ अध्याय हटाए जाने पर कटाक्ष करते हुए निर्दलीय राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार को कहा कि आधुनिक भारत का इतिहास 2014 से शुरू होना चाहिए।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तक: प्रभावित हुए: 1) हिंदू-मुस्लिम एकता की गांधी की तलाश 2) आरएसएस पर प्रतिबंध 3) गुजरात दंगों से जुड़े सारे संदर्भ 4)समसामयिक भारत के विरोध जो सामाजिक आंदोलन बन गए।
उन्होंने लिखा, मोदी जी के भारत के अनुरूप आधुनिक भारत का इतिहास 2014 से शुरू होना चाहिए..।
यह बदलाव एनसीईआरटी का अनुसरण करने वाले देश के सभी स्कूलों पर लागू होगा।
इसी प्रकार, एनसीईआरटी हिंदी की पाठ्य पुस्तकों से भी कुछ कविताएं और पैराग्राफ हटाएगा।
एनसीईआरटी के अनुसार, ये सभी बदलाव मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2023-24 से ही लागू होंगे।
–आईएएनएस
एकेजे/एसकेपी
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नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा इतिहास की किताबों से कुछ अध्याय हटाए जाने पर कटाक्ष करते हुए निर्दलीय राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार को कहा कि आधुनिक भारत का इतिहास 2014 से शुरू होना चाहिए।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तक: प्रभावित हुए: 1) हिंदू-मुस्लिम एकता की गांधी की तलाश 2) आरएसएस पर प्रतिबंध 3) गुजरात दंगों से जुड़े सारे संदर्भ 4)समसामयिक भारत के विरोध जो सामाजिक आंदोलन बन गए।
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इसी प्रकार, एनसीईआरटी हिंदी की पाठ्य पुस्तकों से भी कुछ कविताएं और पैराग्राफ हटाएगा।
एनसीईआरटी के अनुसार, ये सभी बदलाव मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2023-24 से ही लागू होंगे।
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उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तक: प्रभावित हुए: 1) हिंदू-मुस्लिम एकता की गांधी की तलाश 2) आरएसएस पर प्रतिबंध 3) गुजरात दंगों से जुड़े सारे संदर्भ 4)समसामयिक भारत के विरोध जो सामाजिक आंदोलन बन गए।
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इसी प्रकार, एनसीईआरटी हिंदी की पाठ्य पुस्तकों से भी कुछ कविताएं और पैराग्राफ हटाएगा।
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इसी प्रकार, एनसीईआरटी हिंदी की पाठ्य पुस्तकों से भी कुछ कविताएं और पैराग्राफ हटाएगा।
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उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तक: प्रभावित हुए: 1) हिंदू-मुस्लिम एकता की गांधी की तलाश 2) आरएसएस पर प्रतिबंध 3) गुजरात दंगों से जुड़े सारे संदर्भ 4)समसामयिक भारत के विरोध जो सामाजिक आंदोलन बन गए।
उन्होंने लिखा, मोदी जी के भारत के अनुरूप आधुनिक भारत का इतिहास 2014 से शुरू होना चाहिए..।
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इसी प्रकार, एनसीईआरटी हिंदी की पाठ्य पुस्तकों से भी कुछ कविताएं और पैराग्राफ हटाएगा।
एनसीईआरटी के अनुसार, ये सभी बदलाव मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2023-24 से ही लागू होंगे।
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उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तक: प्रभावित हुए: 1) हिंदू-मुस्लिम एकता की गांधी की तलाश 2) आरएसएस पर प्रतिबंध 3) गुजरात दंगों से जुड़े सारे संदर्भ 4)समसामयिक भारत के विरोध जो सामाजिक आंदोलन बन गए।
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उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तक: प्रभावित हुए: 1) हिंदू-मुस्लिम एकता की गांधी की तलाश 2) आरएसएस पर प्रतिबंध 3) गुजरात दंगों से जुड़े सारे संदर्भ 4)समसामयिक भारत के विरोध जो सामाजिक आंदोलन बन गए।
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