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Home ताज़ा समाचार

आपकी आंतों के स्वास्थ्य से है आपकी त्वचा का सीधा संबंध

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August 6, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। त्वचा में होने वाली समस्याओं को लेकर विशेषज्ञों ने बताया है कि आपके पेट का स्वास्थ्य और आपकी त्वचा के बीच सीधा संबंध है।

त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया है। आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं। आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थिति के रूप में दिखाई दे सकते है।

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स्वस्थ आंत को बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो त्वचा की सूजन को कम कर सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार कर सकती है। अच्छे बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो त्वचा की सुरक्षा परत को मजबूत बनाने का काम करती है।

सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है। अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं।

मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ”आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है। स्वस्थ आंत बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, ”आहार आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो त्वचा की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैंं।”

कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

आंत और त्वचा के स्वास्थ्य के बीच संबंध इन त्वचा स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है।

आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विभिन्न प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है। ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। त्वचा में होने वाली समस्याओं को लेकर विशेषज्ञों ने बताया है कि आपके पेट का स्वास्थ्य और आपकी त्वचा के बीच सीधा संबंध है।

त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया है। आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं। आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थिति के रूप में दिखाई दे सकते है।

स्वस्थ आंत को बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो त्वचा की सूजन को कम कर सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार कर सकती है। अच्छे बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो त्वचा की सुरक्षा परत को मजबूत बनाने का काम करती है।

सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है। अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं।

मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ”आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है। स्वस्थ आंत बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, ”आहार आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो त्वचा की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैंं।”

कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

आंत और त्वचा के स्वास्थ्य के बीच संबंध इन त्वचा स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है।

आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विभिन्न प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है। ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। त्वचा में होने वाली समस्याओं को लेकर विशेषज्ञों ने बताया है कि आपके पेट का स्वास्थ्य और आपकी त्वचा के बीच सीधा संबंध है।

त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया है। आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं। आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थिति के रूप में दिखाई दे सकते है।

स्वस्थ आंत को बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो त्वचा की सूजन को कम कर सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार कर सकती है। अच्छे बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो त्वचा की सुरक्षा परत को मजबूत बनाने का काम करती है।

सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है। अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं।

मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ”आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है। स्वस्थ आंत बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, ”आहार आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो त्वचा की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैंं।”

कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

आंत और त्वचा के स्वास्थ्य के बीच संबंध इन त्वचा स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है।

आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विभिन्न प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है। ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

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त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया है। आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं। आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थिति के रूप में दिखाई दे सकते है।

स्वस्थ आंत को बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो त्वचा की सूजन को कम कर सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार कर सकती है। अच्छे बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो त्वचा की सुरक्षा परत को मजबूत बनाने का काम करती है।

सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है। अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं।

मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ”आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है। स्वस्थ आंत बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, ”आहार आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो त्वचा की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैंं।”

कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

आंत और त्वचा के स्वास्थ्य के बीच संबंध इन त्वचा स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है।

आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विभिन्न प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है। ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। त्वचा में होने वाली समस्याओं को लेकर विशेषज्ञों ने बताया है कि आपके पेट का स्वास्थ्य और आपकी त्वचा के बीच सीधा संबंध है।

त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया है। आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं। आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थिति के रूप में दिखाई दे सकते है।

स्वस्थ आंत को बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो त्वचा की सूजन को कम कर सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार कर सकती है। अच्छे बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो त्वचा की सुरक्षा परत को मजबूत बनाने का काम करती है।

सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है। अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं।

मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ”आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है। स्वस्थ आंत बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, ”आहार आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो त्वचा की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैंं।”

कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

आंत और त्वचा के स्वास्थ्य के बीच संबंध इन त्वचा स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है।

आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विभिन्न प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है। ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। त्वचा में होने वाली समस्याओं को लेकर विशेषज्ञों ने बताया है कि आपके पेट का स्वास्थ्य और आपकी त्वचा के बीच सीधा संबंध है।

त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया है। आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं। आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थिति के रूप में दिखाई दे सकते है।

स्वस्थ आंत को बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो त्वचा की सूजन को कम कर सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार कर सकती है। अच्छे बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो त्वचा की सुरक्षा परत को मजबूत बनाने का काम करती है।

सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है। अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं।

मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ”आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है। स्वस्थ आंत बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, ”आहार आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो त्वचा की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैंं।”

कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

आंत और त्वचा के स्वास्थ्य के बीच संबंध इन त्वचा स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है।

आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विभिन्न प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है। ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

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त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया है। आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं। आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थिति के रूप में दिखाई दे सकते है।

स्वस्थ आंत को बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो त्वचा की सूजन को कम कर सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार कर सकती है। अच्छे बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो त्वचा की सुरक्षा परत को मजबूत बनाने का काम करती है।

सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है। अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं।

मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ”आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है। स्वस्थ आंत बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, ”आहार आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो त्वचा की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैंं।”

कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

आंत और त्वचा के स्वास्थ्य के बीच संबंध इन त्वचा स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है।

आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विभिन्न प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है। ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

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त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया है। आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं। आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थिति के रूप में दिखाई दे सकते है।

स्वस्थ आंत को बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो त्वचा की सूजन को कम कर सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार कर सकती है। अच्छे बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो त्वचा की सुरक्षा परत को मजबूत बनाने का काम करती है।

सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है। अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं।

मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ”आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है। स्वस्थ आंत बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, ”आहार आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और वसायुक्त मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो त्वचा की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैंं।”

कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

आंत और त्वचा के स्वास्थ्य के बीच संबंध इन त्वचा स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है।

आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विभिन्न प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है। ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

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