जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल का पद बेकार है, क्योंकि उन पर बहुत खर्च होता है।
उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
–आईएएनएस
एसजीके
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जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल का पद बेकार है, क्योंकि उन पर बहुत खर्च होता है।
उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
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जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल का पद बेकार है, क्योंकि उन पर बहुत खर्च होता है।
उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
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उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
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बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
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बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
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उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
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अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
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उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
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उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
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बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
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उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
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जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल का पद बेकार है, क्योंकि उन पर बहुत खर्च होता है।
उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
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अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
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बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
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बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
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उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
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जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल का पद बेकार है, क्योंकि उन पर बहुत खर्च होता है।
उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
–आईएएनएस
एसजीके
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जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल का पद बेकार है, क्योंकि उन पर बहुत खर्च होता है।
उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
–आईएएनएस
एसजीके
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जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल का पद बेकार है, क्योंकि उन पर बहुत खर्च होता है।
उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”
–आईएएनएस
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जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल का पद बेकार है, क्योंकि उन पर बहुत खर्च होता है।
उन्होंने कहा, “ज्यादातर राज्यपालों को 80 साल की उम्र पार करने पर पद दिया जाता है। किसी नेता को मुख्यधारा की राजनीति से हटाने के लिए उन्हें राज्यपाल के पद पर बिठाया जाता है। वैसे भी राज्यपाल का पद बेकार है, इसमें बहुत खर्च होता है। इनके चाय, नाश्ते और खाने पर होने वाले खर्च को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। जबकि इनका काम सरकार द्वारा लिखित में दी गई बातों को पढ़ने तक ही सीमित है, बल्कि सरकार को इसे खुद ही पढ़ना चाहिए। आखिर ये पोस्ट किसलिए है? इस छोटे से काम के लिए राज्यपाल? इसे ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल केवल एक डाकिया का काम कर रहे हैं।”
बेनीवाल यहीं नहीं रुके और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही छवि खराब की है।
बेनीवाल ने मंगलवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पायलट ने समय रहते अपनी पार्टी छोड़ दी होती तो आरएलपी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीटें जीतते।”
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव रद्द होने पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव रद्द करने किए जाने के कारण वह राज्य सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा, “अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे। इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे यह।”
बेनीवाल ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार में गहलोत-वसुंधरा एक साथ हैं।”
अपने पहले के आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2030 विजन के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2030 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं रहेंगे तो आखिर किस बात का विजन जारी किया जा रहा है?”