पटना, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों का साथ देते हुए बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के डॉक्टर एक दिवसीय हड़ताल पर हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बिहार में हड़ताल मंगलवार को सुबह 6 बजे शुरू हुई जो शाम 6 बजे तक समाप्त होगी। इस दौरान बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और नियमित सर्जरी को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी।
इस हड़ताल ने पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना एम्स, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, जेएलएन मेडिकल कॉलेज भागलपुर, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया और बिहार के अन्य मेडिकल कॉलेजों सहित पूरे राज्य के अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं को बाधित किया है।
इन संस्थानों में निर्धारित सर्जरी और नियमित उपचार स्थगित कर दिए गए हैं।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की शिकायतों के कारण यह हड़ताल शुरू हुई। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर पिछले 10 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वह कॉलेज परिसर में अपने सहकर्मी के साथ हुए क्रूर बलात्कार के मामले में न्याय की मांग कर रहे है।
इसके अलावा, डॉक्टर अस्पताल के सुरक्षा उपायों में सुधार की कमी से असंतुष्ट हैं।
डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है, क्योंकि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले 10 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ गई है।
कई हड़ताली डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
एकजुटता दिखाते हुए बिहार में आईएमए ने घोषणा की है कि उनका जूनियर डॉक्टर नेटवर्क और मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क कोलकाता के डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन कर रहा है।
आईएमए ने हड़ताली डॉक्टरों को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है।
–आईएएनएस
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