हैदराबाद, 19 जनवरी (आईएएनएस)। दवा निर्माता इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने शुक्रवार को भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित हेपेटाइटिस ए वैक्सीन लॉन्च की।
दो-डोज वाली वैक्सीन ‘हेविश्योर’ हेपेटाइटिस ए के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है, और हेपेटाइटिस ए को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
हेपेटाइटिस ए एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से मल-मुख मार्ग से फैलता है, जिसका अर्थ है कि यह दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैलता है। यह मुख्य रूप से लीवर को प्रभावित करता है।
हैदराबाद स्थित कंपनी ने एक बयान में कहा, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) द्वारा अनुमोदित वैक्सीन बीमारी रोकने में प्रभावी है और नियमित टीकाकरण में बच्चों के लिए इसकी सिफारिश की जाती है। पहली खुराक 12 महीने से ऊपर की उम्र में दी जाती है और दूसरी खुराक पहली खुराक के कम से कम 6 महीने बाद दी जाती है।
वैक्सीन की सिफारिश उन व्यक्तियों के लिए भी की जाती है, जो जोखिम में हैं या उच्च हेपेटाइटिस ए प्रसार वाले क्षेत्रों की यात्रा करते हैं। इसके अलावा, संक्रमण के व्यावसायिक जोखिम वाले और पुरानी जिगर की बीमारियों से पीड़ित लोगों को भी हेपेटाइटिस ए टीकाकरण की जरूरत होती है।
इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स के प्रबंध निदेशक के आनंद कुमार ने एक बयान में कहा कि हेविश्योर का लॉन्च देश के लिए स्वास्थ्य सेवा समाधानों को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
वर्तमान में हेपेटाइटिस ए के लिए वैक्सीन हमारे देश में आयात किए जाते हैं और आत्मनिर्भर भारत के सच्चे अर्थ के रूप में, आईआईएल ने अथक प्रयास किए हैं और हेपेटाइटिस ए के लिए भारत की पहली वैक्सीन विकसित की है। कंपनी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
आनंद कुमार ने कहा कि वैक्सीन का आठ केंद्रों में व्यापक नैदानिक परीक्षण किया गया है। यह सुरक्षित व प्रभावकारी साबित हुआ है और यह जीएसके द्वारा दुनिया की अग्रणी वैक्सीन के बराबर है।
उप प्रबंध निदेशक डॉ. प्रियब्रत पटनायक ने एक बयान में कहा कि कंपनी हेपेटाइटिस ए वैक्सीन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाएगी।
पटनायक ने कहा, “लॉन्च के हिस्से के रूप में, आईआईएल हेपेटाइटिस ए के बारे में जागरूकता और बाल चिकित्सा, किशोर और वयस्क टीकाकरण दोनों के महत्व को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों, कॉर्पोरेट अस्पतालों और सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करेगा।”
–आईएएनएस
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