इंदौर, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में साइबर ठगों ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को शिकार बनाया। मगर, पुलिस के सहयोग से उसे मुक्त करा लिया गया। पुलिस ने ठगी करने वाले पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।
पूरा मामला एरोड्रम थाना क्षेत्र का है। यहां के एक निजी कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहित मौर्य को सोमवार की शाम को कूरियर कंपनी के नाम से कॉल आया, जिसमें कहा गया कि आपकी ओर से थाईलैंड भेजे जा रहे पार्सल को कस्टम विभाग ने रोक दिया है। इसके लिए एक अन्य फोन नंबर से साइबर क्राइम का नंबर बताते हुए बात कराई गई और कहा गया कि पार्सल में एमडी ड्रग है। जो पार्सल भेजा जा रहा है, वह आपके आधार कार्ड से जुड़ा है। जबकि, मोहित ने कोई पार्सल नहीं भेजा था।
साइबर ठगों ने मोहित को तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उससे 1.35 लाख रुपए की ठगी कर ली। इसी दौरान मोहित का एक दोस्त उसके घर पहुंचा तब उसे मोहित के डिजिटल अरेस्ट की जानकारी हुई। मोहित के मित्र ने इसकी सूचना पुलिस को दी। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने मौके पर पहुंचकर ठग से फोन पर बात की और उसका फोटो तथा वीडियो भी बनाया। बाद में ठग ने कॉल कट कर दिया।
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि ठगों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहित मौर्य के खाते में रकम नहीं होने पर उसे 1.35 लाख रुपए का ऑनलाइन लोन दिलाया और वह राशि ठगों ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा ली।
एडिशनल डीसीपी ने बताया कि थाने स्तर पर साइबर अपराध को रोकने के लिए टीम गठित की गई है और एक प्रभारी को नियुक्त किया गया है। थाना प्रभारी के पास मोहित के परिचित वकील अक्षय तिवारी ने कॉल किया था और डिजिटल अरेस्ट की जानकारी दी थी। पीड़ित मोहित मौर्य को एक ऑनलाइन कॉल आया था, जिसमें उन्हें कहा गया था कि कूरियर में ड्रग्स और कई संदिग्ध वस्तुएं मिली है। इसके कारण डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। इसके बाद पीड़ित का कॉल दिल्ली ट्रांसफर किया गया और उसे कई घंटों तक डराया-धमकाया जाता रहा। हालांकि, पुलिस ने मोहित मौर्य को बचा लिया है। वहीं, आरोपियों पर इनाम भी घोषित कर दिया है।
–आईएएनएस
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