लाहौर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि उनका पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (सेवानिवृत्त) के साथ व्यक्तिगत विवाद है, लेकिन फिर से सत्ता में आने पर वह उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे, मीडिया रिपोर्टो ने इमरान के बयान की जानकारी दी।
इमरान खान ने कहा कि नए सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल असीम मुनीर ने खुद कहा है कि वह निष्पक्ष रहेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि विधानसभा भंग होने के तीन महीने के भीतर चुनाव कराना उनकी निष्पक्षता की सबसे बड़ी परीक्षा होगी।
उन्होंने कहा कि जब लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को आईएसआई के डीजी पद से हटाया गया तो यह स्पष्ट हो गया कि पीटीआई सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, उन्होंने कहा, मैंने जनरल बाजवा से कहा कि अगर सरकार गिराने का मंसूबा कामयाब हो गया तो देश की अर्थव्यवस्था को कोई नहीं संभाल पाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन सेना प्रमुख से पूछा कि शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए कैसे माना जा सकता है, क्योंकि उनका नाम 16 अरब रुपये के भ्रष्टाचार के मामलों में है। उन्होंने कहा, उन्हें बाद में पता चला कि जनरल बाजवा के लिए भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं था।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने कहा, जनरल बाजवा कहते थे कि अलीम खान को (पंजाब) मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। मुझे उनकी अवैध संपत्ति के बारे में पता चला, इसलिए मैंने कहा कि उन्हें कैसे मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
इमरान खान ने कहा, अगर कोरोना वायरस महामारी नहीं होती और चीन को दो साल के लिए बंद नहीं किया जाता तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी बेहतर होती।
उन्होंने सवाल किया कि देश की अर्थव्यवस्था गिर रही है और लोगों की आय कम है, ऐसे में कर्ज कैसे लौटाया जा सकता। उन्होंने कहा, कानून का शासन नहीं होने पर कोई देश समृद्ध नहीं हो सकता। मैंने जनरल बाजवा से कहा कि अगर हम 10 से 12 शीर्ष भ्रष्ट लोगों को पकड़ लें, तो सब कुछ सही रास्ते पर आ जाएगा।
इमरान खान ने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) का गठन 1999 में हुआ था, लेकिन इस पर सवाल उठना चाहिए कि तब से भ्रष्टाचार बढ़ा या घटा है। जनरल बाजवा के साथ हमारे अच्छे संबंध थे, लेकिन मुझे नहीं पता कि बाद में क्या हुआ।
–आईएएनएस
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