नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।
–आईएएनएस
जीकेटी/
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। इस साल बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच साल के औसत क्षेत्रफल से अधिक हो गई है। धान की खेती 408.72 लाख हेक्टेयर (2 सितंबर तक) तक पहुंच गई, जो औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में धान की खेती में 3.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के इस समय तक 393.57 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की गई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसल की बुआई 1.91 प्रतिशत बढ़कर 1,087.33 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय 1,066.89 लाख हेक्टेयर थी।
आंकड़ों से पता चला है कि दलहन के तहत 125.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 116.66 लाख हेक्टेयर था।
इसके अलावा, मोटे अनाज के 187.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 181.06 लाख हेक्टेयर थी।
तिलहन के लिए, 30 अगस्त तक 190.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 188.83 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, गन्ने की खेती में 57.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का कवरेज दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 57.11 लाख हेक्टेयर था।
आकड़ों के अनुसार चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि देश की कृषि भूमि के लगभग 50 प्रतिशत असिंचित क्षेत्रों में बेहतर मानसूनी बारिश से बुआई आसान हो गई है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये की और राशि की घोषणा की है।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता के लिए घोषित उपायों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ और सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर शामिल है।