कराची, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान में मुद्रास्फीति की दर सितंबर में बढ़कर 31.4 फीसदी हो गई। द न्यूज ने बताया कि देश में ईंधन और बिजली की आसमान छूती कीमतों के कारण महंगाई दर तेजी से बढ़ी है। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में यह 27.4 फीसदी थी।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ऋण ने देश को एक संप्रभु डिफ़ॉल्ट को रोकने में मदद की, लेकिन इसके साथ आने वाली शर्तों ने अधिकारियों के लिए मुद्रास्फीति पर लगाम लगाना मुश्किल बना दिया है।
वाशिंगटन स्थित ऋणदाता ने जुलाई में तीन अरब डॉलर के ऋण की मंजूरी के बाद कार्यवाहक सरकार के समक्ष ये शर्तें रखी थीं जिनमें बिजली पर सब्सिडी समाप्त करना और आयात प्रतिबंध भी शामिल हैं।
पीबीएस के आंकड़ों के अनुसार, माह-दर-माह आधार पर मुद्रास्फीति सितंबर में दो प्रतिशत बढ़ी, जबकि अगस्त में इसमें 1.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे साल के लिए मुद्रास्फीति दर पहले से ही 38 प्रतिशत की ऐतिहासिक ऊंचाई पर है।
बेंचमार्क ब्याज दरें भी 22 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। अवैध ग्रीनबैक तस्करों पर कार्रवाई के कारण अगस्त में डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा था कि उसे पेट्रोल और ऊर्जा शुल्क में बढ़ोतरी के कारण आने वाले महीने में मुद्रास्फीति ऊंची रहने की आशंका है। यह 29-31 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
–आईएएनएस
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