नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रीतिमोय चक्रवर्ती नाम के एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
–आईएएनएस
एकेजे
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नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रीतिमोय चक्रवर्ती नाम के एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रीतिमोय चक्रवर्ती नाम के एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
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चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
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चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
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चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
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ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
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ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
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चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
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चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रीतिमोय चक्रवर्ती नाम के एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
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ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
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चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
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ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
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ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
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ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
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ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
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चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
–आईएएनएस
एकेजे
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नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रीतिमोय चक्रवर्ती नाम के एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
–आईएएनएस
एकेजे
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नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रीतिमोय चक्रवर्ती नाम के एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।
–आईएएनएस
एकेजे
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नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रीतिमोय चक्रवर्ती नाम के एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
चक्रवर्ती को अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 6 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष इकाई बीएसएफसी द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
इस मामले में सीबीआई ने दो आरोपपत्र भी दाखिल किये थे।
ईडी की जांच से पता चला कि आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
आगे यह भी पता चला कि उक्त क्रेडिट सुविधाओं के तहत आर.पी. इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के झूठे कर चालान, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
इससे पहले ईडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए एक अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किया था।