नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक 23 अक्टूबर को सरकारी स्वामित्व वाली मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एमएमटीसी), स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) और प्रोजेक्ट एंड इक्विपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीईसी) को बंद करने पर फैसला होने की संभावना है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के पिछले साल आयात-निर्यात के लिए कैनालाइजिंग एजेंसियों के रूप में डिनोटिफाई करने का निर्णय लेने के बाद से तीन कंपनियों को बंद करने की तलवार लटक गई है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) से संबंधित एक मामले में अवैध ‘युग्मित अनुबंधों’ में शामिल होने के लिए अगस्त में स्टॉक ब्रोकर के रूप में एमएमटीसी लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
एमएमटीसी ने “युग्मित अनुबंध (पेयर्ड कॉन्ट्रैक्ट)” में कारोबार किया, जिसके पास विनियामक अनुमोदन नहीं था।
मंत्रालय ने कहा है कि तीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की व्यापारिक कंपनियों की उपयोगिता की जांच की गई। उसका विचार था कि वाणिज्य विभाग में किसी भी कैनालाइजिंग एजेंसी की कोई आवश्यकता नहीं है।
तीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बंद करने से संबंधित मुद्दे की भी नीति आयोग ने जांच की है।
मंत्रालय ने यह भी कहा था, “गैर-रणनीतिक क्षेत्र में सीपीएसई के लिए नई उद्यम नीति पर सार्वजनिक उद्यम विभाग के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, एमएमटीसी, एसटीसी और पीईसी को बंद करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।”
एमएमटीसी उच्च श्रेणी के लौह अयस्क, मैंगनीज, क्रोम अयस्क, खोपरा और कीमती धातुओं के आयात और निर्यात के लिए एक कैनालाइजिंग एजेंसी थी।
एसटीसी गेहूं, दालें, चीनी और खाद्य तेल जैसे बड़े पैमाने पर उपभोग की आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए एक कैनालाइजिंग एजेंसी थी। जबकि, पीईसी मशीनरी और रेलवे उपकरणों के निर्यात और आयात के लिए एजेंसी थी।
एमएमटीसी और एसटीसी की स्थापना क्रमशः 1963 और 1956 और पीईसी लिमिटेड का गठन 1971-72 में हुआ था।
–आईएएनएस
एबीएम