उत्तरकाशी, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तरकाशी जिले की गंगा और यमुना घाटी के जंगल पिछले 5 दोनों से आग में धधक रहे हैं। अभी तक किसी भी जिम्मेदार ने सुध नहीं ली है। 5 दिनों से लगी आग से वातावरण में चारों ओर धुंध फैली हुई है। इस धुंध के चलते धूप भी नजर नहीं आ रही है।
चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि, लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगा दी है। जिससे यह समस्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है। जिससे आग पर काबू पाया जा सके।
–आईएएनएस
स्मिता/एबीएम
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उत्तरकाशी, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तरकाशी जिले की गंगा और यमुना घाटी के जंगल पिछले 5 दोनों से आग में धधक रहे हैं। अभी तक किसी भी जिम्मेदार ने सुध नहीं ली है। 5 दिनों से लगी आग से वातावरण में चारों ओर धुंध फैली हुई है। इस धुंध के चलते धूप भी नजर नहीं आ रही है।
चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि, लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगा दी है। जिससे यह समस्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है। जिससे आग पर काबू पाया जा सके।
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चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि, लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगा दी है। जिससे यह समस्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है। जिससे आग पर काबू पाया जा सके।
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उत्तरकाशी, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तरकाशी जिले की गंगा और यमुना घाटी के जंगल पिछले 5 दोनों से आग में धधक रहे हैं। अभी तक किसी भी जिम्मेदार ने सुध नहीं ली है। 5 दिनों से लगी आग से वातावरण में चारों ओर धुंध फैली हुई है। इस धुंध के चलते धूप भी नजर नहीं आ रही है।
चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि, लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगा दी है। जिससे यह समस्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है। जिससे आग पर काबू पाया जा सके।
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चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
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इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
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चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि, लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगा दी है। जिससे यह समस्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है। जिससे आग पर काबू पाया जा सके।
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चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि, लंबी बारिश ना होने और असामाजिक तत्वों के नई घास के लिए जंगल में पड़े पिरूल में आग लगा दी है। जिससे यह समस्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में टीम को भेजा गया है। जिससे आग पर काबू पाया जा सके।
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चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
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इसके अलावा डुंडा, मुखेम रेंज और भटवाड़ी के आसपास भी जंगल जल रहे हैं। बीते बुधवार को एसडीआरएफ की एक टीम वन विभाग की मदद के लिए निराकोट में आग बुझाने पहुंची थी। लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है।
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चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा। दरअसल बीते सोमवार को सिलक्यारा के राड़ी टॉप के जंगलों में भीषण आग लग गई थी। जो बढ़ते-बढ़ते अपर यमुना वन प्रभाग के पलेठा, बगासू और मोल्डा गांव के जंगल में भी पहुंच गई थी। उसे भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था।
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