deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home Today's Special News

उत्तरी बंगाल में भालुओं की आवाजाही पर नजर रखने के लिए लगाए जाएंगे रेडियो कॉलर

by
February 1, 2023
in Today's Special News, अभिमत, इंदौर, उज्जैन, खेल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, जानकारी, तकनीकी, ताज़ा समाचार, नर्मदापुरम, ब्लॉग, भोपाल, मनोरंजन, रीवा, लाइफ स्टाइल, विचार, शहडोल, सागर
0
उत्तरी बंगाल में भालुओं की आवाजाही पर नजर रखने के लिए लगाए जाएंगे रेडियो कॉलर
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कोलकाता, 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और जंगलों में एशियाई काले भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जल्द ही रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। राज्य वन विभाग ने यह जानकारी दी है।

एक शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि यह एशियाई काले भालुओं की जनगणना करने के लिए पिछले साल नवंबर में विभाग के निर्णय का विस्तार है।

READ ALSO

ग्लोबल टेनिस क्रिकेट लीग : पहली अंतरराष्ट्रीय टेनिस बॉल लीग शारजाह में होगी आयोजित

मोटापा घटाएं, सेहत बढ़ाएं : ‘5पी’ के साथ करें स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत

राज्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि हर नवंबर में सर्दियों के आगमन के साथ, इस तरह के कई एशियाई काले भालू पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में आ जाते हैं और राज्य में तराई और डुआर्स क्षेत्रों में चाय बागान क्षेत्रों से सटे मानव आवासों में घुस जाते हैं। इसलिए, उनके अनिश्चित व्यवहार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि उनको ट्रैक किया जाए और इन जानवरों को एक अपरंपरागत व्यवहार के लिए प्रेरित करने वाले कारणों के बारे में पता हो।

उन्होंने कहा कि एक बार इन रेडियो कॉलर के साथ, जो जर्मन फर्म के क्षेत्र में विशेषज्ञ के सहयोग से किया जाना है, राज्य वन विभाग के नियंत्रण कक्ष से उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से इन एशियाई ब्लैक बियर के उनके आंदोलन का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।

राज्य के वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पहाड़ियों से एक बार जब वे मैदानी इलाकों में पहुंच जाएंगे तो उन पर भी नजर रखी जाएगी। तदनुसार, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती उपायों के लिए सतर्क किया जाएगा।

हाल के दिनों में, वन विभाग ने इस क्षेत्र में एशियाई काले भालुओं की आबादी में वृद्धि देखी है, जिसने राज्य के वन विभाग को इस गिनती पर जनगणना करने के लिए प्रेरित किया था। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल की अवधि के बाद से उत्तरी बंगाल में मालबाजार, धूपगुड़ी, मदारीहाट और बक्सा से सटे इलाकों में एशियाई काले भालू देखे गए हैं।

पिछले साल नवंबर के एक महीने के दौरान, वन विभाग द्वारा छह भालुओं को बचाया गया था। इन असामान्य बारंबारता के कारण क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष हुआ, जिसमें भालू के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। इस प्रक्रिया में एक एशियाई काला भालू भी मारा गया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और जंगलों में एशियाई काले भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जल्द ही रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। राज्य वन विभाग ने यह जानकारी दी है।

एक शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि यह एशियाई काले भालुओं की जनगणना करने के लिए पिछले साल नवंबर में विभाग के निर्णय का विस्तार है।

राज्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि हर नवंबर में सर्दियों के आगमन के साथ, इस तरह के कई एशियाई काले भालू पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में आ जाते हैं और राज्य में तराई और डुआर्स क्षेत्रों में चाय बागान क्षेत्रों से सटे मानव आवासों में घुस जाते हैं। इसलिए, उनके अनिश्चित व्यवहार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि उनको ट्रैक किया जाए और इन जानवरों को एक अपरंपरागत व्यवहार के लिए प्रेरित करने वाले कारणों के बारे में पता हो।

उन्होंने कहा कि एक बार इन रेडियो कॉलर के साथ, जो जर्मन फर्म के क्षेत्र में विशेषज्ञ के सहयोग से किया जाना है, राज्य वन विभाग के नियंत्रण कक्ष से उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से इन एशियाई ब्लैक बियर के उनके आंदोलन का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।

राज्य के वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पहाड़ियों से एक बार जब वे मैदानी इलाकों में पहुंच जाएंगे तो उन पर भी नजर रखी जाएगी। तदनुसार, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती उपायों के लिए सतर्क किया जाएगा।

हाल के दिनों में, वन विभाग ने इस क्षेत्र में एशियाई काले भालुओं की आबादी में वृद्धि देखी है, जिसने राज्य के वन विभाग को इस गिनती पर जनगणना करने के लिए प्रेरित किया था। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल की अवधि के बाद से उत्तरी बंगाल में मालबाजार, धूपगुड़ी, मदारीहाट और बक्सा से सटे इलाकों में एशियाई काले भालू देखे गए हैं।

पिछले साल नवंबर के एक महीने के दौरान, वन विभाग द्वारा छह भालुओं को बचाया गया था। इन असामान्य बारंबारता के कारण क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष हुआ, जिसमें भालू के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। इस प्रक्रिया में एक एशियाई काला भालू भी मारा गया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कोलकाता, 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और जंगलों में एशियाई काले भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जल्द ही रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। राज्य वन विभाग ने यह जानकारी दी है।

एक शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि यह एशियाई काले भालुओं की जनगणना करने के लिए पिछले साल नवंबर में विभाग के निर्णय का विस्तार है।

राज्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि हर नवंबर में सर्दियों के आगमन के साथ, इस तरह के कई एशियाई काले भालू पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में आ जाते हैं और राज्य में तराई और डुआर्स क्षेत्रों में चाय बागान क्षेत्रों से सटे मानव आवासों में घुस जाते हैं। इसलिए, उनके अनिश्चित व्यवहार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि उनको ट्रैक किया जाए और इन जानवरों को एक अपरंपरागत व्यवहार के लिए प्रेरित करने वाले कारणों के बारे में पता हो।

उन्होंने कहा कि एक बार इन रेडियो कॉलर के साथ, जो जर्मन फर्म के क्षेत्र में विशेषज्ञ के सहयोग से किया जाना है, राज्य वन विभाग के नियंत्रण कक्ष से उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से इन एशियाई ब्लैक बियर के उनके आंदोलन का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।

राज्य के वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पहाड़ियों से एक बार जब वे मैदानी इलाकों में पहुंच जाएंगे तो उन पर भी नजर रखी जाएगी। तदनुसार, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती उपायों के लिए सतर्क किया जाएगा।

हाल के दिनों में, वन विभाग ने इस क्षेत्र में एशियाई काले भालुओं की आबादी में वृद्धि देखी है, जिसने राज्य के वन विभाग को इस गिनती पर जनगणना करने के लिए प्रेरित किया था। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल की अवधि के बाद से उत्तरी बंगाल में मालबाजार, धूपगुड़ी, मदारीहाट और बक्सा से सटे इलाकों में एशियाई काले भालू देखे गए हैं।

पिछले साल नवंबर के एक महीने के दौरान, वन विभाग द्वारा छह भालुओं को बचाया गया था। इन असामान्य बारंबारता के कारण क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष हुआ, जिसमें भालू के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। इस प्रक्रिया में एक एशियाई काला भालू भी मारा गया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और जंगलों में एशियाई काले भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जल्द ही रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। राज्य वन विभाग ने यह जानकारी दी है।

एक शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि यह एशियाई काले भालुओं की जनगणना करने के लिए पिछले साल नवंबर में विभाग के निर्णय का विस्तार है।

राज्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि हर नवंबर में सर्दियों के आगमन के साथ, इस तरह के कई एशियाई काले भालू पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में आ जाते हैं और राज्य में तराई और डुआर्स क्षेत्रों में चाय बागान क्षेत्रों से सटे मानव आवासों में घुस जाते हैं। इसलिए, उनके अनिश्चित व्यवहार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि उनको ट्रैक किया जाए और इन जानवरों को एक अपरंपरागत व्यवहार के लिए प्रेरित करने वाले कारणों के बारे में पता हो।

उन्होंने कहा कि एक बार इन रेडियो कॉलर के साथ, जो जर्मन फर्म के क्षेत्र में विशेषज्ञ के सहयोग से किया जाना है, राज्य वन विभाग के नियंत्रण कक्ष से उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से इन एशियाई ब्लैक बियर के उनके आंदोलन का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।

राज्य के वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पहाड़ियों से एक बार जब वे मैदानी इलाकों में पहुंच जाएंगे तो उन पर भी नजर रखी जाएगी। तदनुसार, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती उपायों के लिए सतर्क किया जाएगा।

हाल के दिनों में, वन विभाग ने इस क्षेत्र में एशियाई काले भालुओं की आबादी में वृद्धि देखी है, जिसने राज्य के वन विभाग को इस गिनती पर जनगणना करने के लिए प्रेरित किया था। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल की अवधि के बाद से उत्तरी बंगाल में मालबाजार, धूपगुड़ी, मदारीहाट और बक्सा से सटे इलाकों में एशियाई काले भालू देखे गए हैं।

पिछले साल नवंबर के एक महीने के दौरान, वन विभाग द्वारा छह भालुओं को बचाया गया था। इन असामान्य बारंबारता के कारण क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष हुआ, जिसमें भालू के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। इस प्रक्रिया में एक एशियाई काला भालू भी मारा गया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और जंगलों में एशियाई काले भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जल्द ही रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। राज्य वन विभाग ने यह जानकारी दी है।

एक शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि यह एशियाई काले भालुओं की जनगणना करने के लिए पिछले साल नवंबर में विभाग के निर्णय का विस्तार है।

राज्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि हर नवंबर में सर्दियों के आगमन के साथ, इस तरह के कई एशियाई काले भालू पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में आ जाते हैं और राज्य में तराई और डुआर्स क्षेत्रों में चाय बागान क्षेत्रों से सटे मानव आवासों में घुस जाते हैं। इसलिए, उनके अनिश्चित व्यवहार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि उनको ट्रैक किया जाए और इन जानवरों को एक अपरंपरागत व्यवहार के लिए प्रेरित करने वाले कारणों के बारे में पता हो।

उन्होंने कहा कि एक बार इन रेडियो कॉलर के साथ, जो जर्मन फर्म के क्षेत्र में विशेषज्ञ के सहयोग से किया जाना है, राज्य वन विभाग के नियंत्रण कक्ष से उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से इन एशियाई ब्लैक बियर के उनके आंदोलन का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।

राज्य के वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पहाड़ियों से एक बार जब वे मैदानी इलाकों में पहुंच जाएंगे तो उन पर भी नजर रखी जाएगी। तदनुसार, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती उपायों के लिए सतर्क किया जाएगा।

हाल के दिनों में, वन विभाग ने इस क्षेत्र में एशियाई काले भालुओं की आबादी में वृद्धि देखी है, जिसने राज्य के वन विभाग को इस गिनती पर जनगणना करने के लिए प्रेरित किया था। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल की अवधि के बाद से उत्तरी बंगाल में मालबाजार, धूपगुड़ी, मदारीहाट और बक्सा से सटे इलाकों में एशियाई काले भालू देखे गए हैं।

पिछले साल नवंबर के एक महीने के दौरान, वन विभाग द्वारा छह भालुओं को बचाया गया था। इन असामान्य बारंबारता के कारण क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष हुआ, जिसमें भालू के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। इस प्रक्रिया में एक एशियाई काला भालू भी मारा गया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और जंगलों में एशियाई काले भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जल्द ही रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। राज्य वन विभाग ने यह जानकारी दी है।

एक शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि यह एशियाई काले भालुओं की जनगणना करने के लिए पिछले साल नवंबर में विभाग के निर्णय का विस्तार है।

राज्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि हर नवंबर में सर्दियों के आगमन के साथ, इस तरह के कई एशियाई काले भालू पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में आ जाते हैं और राज्य में तराई और डुआर्स क्षेत्रों में चाय बागान क्षेत्रों से सटे मानव आवासों में घुस जाते हैं। इसलिए, उनके अनिश्चित व्यवहार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि उनको ट्रैक किया जाए और इन जानवरों को एक अपरंपरागत व्यवहार के लिए प्रेरित करने वाले कारणों के बारे में पता हो।

उन्होंने कहा कि एक बार इन रेडियो कॉलर के साथ, जो जर्मन फर्म के क्षेत्र में विशेषज्ञ के सहयोग से किया जाना है, राज्य वन विभाग के नियंत्रण कक्ष से उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से इन एशियाई ब्लैक बियर के उनके आंदोलन का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।

राज्य के वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पहाड़ियों से एक बार जब वे मैदानी इलाकों में पहुंच जाएंगे तो उन पर भी नजर रखी जाएगी। तदनुसार, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती उपायों के लिए सतर्क किया जाएगा।

हाल के दिनों में, वन विभाग ने इस क्षेत्र में एशियाई काले भालुओं की आबादी में वृद्धि देखी है, जिसने राज्य के वन विभाग को इस गिनती पर जनगणना करने के लिए प्रेरित किया था। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल की अवधि के बाद से उत्तरी बंगाल में मालबाजार, धूपगुड़ी, मदारीहाट और बक्सा से सटे इलाकों में एशियाई काले भालू देखे गए हैं।

पिछले साल नवंबर के एक महीने के दौरान, वन विभाग द्वारा छह भालुओं को बचाया गया था। इन असामान्य बारंबारता के कारण क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष हुआ, जिसमें भालू के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। इस प्रक्रिया में एक एशियाई काला भालू भी मारा गया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कोलकाता, 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और जंगलों में एशियाई काले भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जल्द ही रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। राज्य वन विभाग ने यह जानकारी दी है।

एक शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि यह एशियाई काले भालुओं की जनगणना करने के लिए पिछले साल नवंबर में विभाग के निर्णय का विस्तार है।

राज्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि हर नवंबर में सर्दियों के आगमन के साथ, इस तरह के कई एशियाई काले भालू पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में आ जाते हैं और राज्य में तराई और डुआर्स क्षेत्रों में चाय बागान क्षेत्रों से सटे मानव आवासों में घुस जाते हैं। इसलिए, उनके अनिश्चित व्यवहार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि उनको ट्रैक किया जाए और इन जानवरों को एक अपरंपरागत व्यवहार के लिए प्रेरित करने वाले कारणों के बारे में पता हो।

उन्होंने कहा कि एक बार इन रेडियो कॉलर के साथ, जो जर्मन फर्म के क्षेत्र में विशेषज्ञ के सहयोग से किया जाना है, राज्य वन विभाग के नियंत्रण कक्ष से उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से इन एशियाई ब्लैक बियर के उनके आंदोलन का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।

राज्य के वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पहाड़ियों से एक बार जब वे मैदानी इलाकों में पहुंच जाएंगे तो उन पर भी नजर रखी जाएगी। तदनुसार, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती उपायों के लिए सतर्क किया जाएगा।

हाल के दिनों में, वन विभाग ने इस क्षेत्र में एशियाई काले भालुओं की आबादी में वृद्धि देखी है, जिसने राज्य के वन विभाग को इस गिनती पर जनगणना करने के लिए प्रेरित किया था। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल की अवधि के बाद से उत्तरी बंगाल में मालबाजार, धूपगुड़ी, मदारीहाट और बक्सा से सटे इलाकों में एशियाई काले भालू देखे गए हैं।

पिछले साल नवंबर के एक महीने के दौरान, वन विभाग द्वारा छह भालुओं को बचाया गया था। इन असामान्य बारंबारता के कारण क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष हुआ, जिसमें भालू के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। इस प्रक्रिया में एक एशियाई काला भालू भी मारा गया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

ADVERTISEMENT

कोलकाता, 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और जंगलों में एशियाई काले भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जल्द ही रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। राज्य वन विभाग ने यह जानकारी दी है।

एक शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि यह एशियाई काले भालुओं की जनगणना करने के लिए पिछले साल नवंबर में विभाग के निर्णय का विस्तार है।

राज्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि हर नवंबर में सर्दियों के आगमन के साथ, इस तरह के कई एशियाई काले भालू पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में आ जाते हैं और राज्य में तराई और डुआर्स क्षेत्रों में चाय बागान क्षेत्रों से सटे मानव आवासों में घुस जाते हैं। इसलिए, उनके अनिश्चित व्यवहार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि उनको ट्रैक किया जाए और इन जानवरों को एक अपरंपरागत व्यवहार के लिए प्रेरित करने वाले कारणों के बारे में पता हो।

उन्होंने कहा कि एक बार इन रेडियो कॉलर के साथ, जो जर्मन फर्म के क्षेत्र में विशेषज्ञ के सहयोग से किया जाना है, राज्य वन विभाग के नियंत्रण कक्ष से उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से इन एशियाई ब्लैक बियर के उनके आंदोलन का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा।

राज्य के वन विभाग के अधिकारी ने कहा, पहाड़ियों से एक बार जब वे मैदानी इलाकों में पहुंच जाएंगे तो उन पर भी नजर रखी जाएगी। तदनुसार, वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती उपायों के लिए सतर्क किया जाएगा।

हाल के दिनों में, वन विभाग ने इस क्षेत्र में एशियाई काले भालुओं की आबादी में वृद्धि देखी है, जिसने राज्य के वन विभाग को इस गिनती पर जनगणना करने के लिए प्रेरित किया था। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल की अवधि के बाद से उत्तरी बंगाल में मालबाजार, धूपगुड़ी, मदारीहाट और बक्सा से सटे इलाकों में एशियाई काले भालू देखे गए हैं।

पिछले साल नवंबर के एक महीने के दौरान, वन विभाग द्वारा छह भालुओं को बचाया गया था। इन असामान्य बारंबारता के कारण क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष हुआ, जिसमें भालू के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। इस प्रक्रिया में एक एशियाई काला भालू भी मारा गया।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

Related Posts

ताज़ा समाचार

ग्लोबल टेनिस क्रिकेट लीग : पहली अंतरराष्ट्रीय टेनिस बॉल लीग शारजाह में होगी आयोजित

June 18, 2025
मोटापा घटाएं, सेहत बढ़ाएं : ‘5पी’ के साथ करें स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत
ब्लॉग

मोटापा घटाएं, सेहत बढ़ाएं : ‘5पी’ के साथ करें स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत

June 18, 2025
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों का घरेलू कचरा संग्रहण में इंटीग्रेशन एक बड़ा बदलाव : केंद्र
ब्लॉग

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों का घरेलू कचरा संग्रहण में इंटीग्रेशन एक बड़ा बदलाव : केंद्र

June 18, 2025
मई में भारतीय इक्विटी मार्केट ने वैश्विक बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया : रिपोर्ट
ब्लॉग

मई में भारतीय इक्विटी मार्केट ने वैश्विक बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया : रिपोर्ट

June 18, 2025
गूगल ने ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए ‘सुरक्षा चार्टर’ लॉन्च किया
ब्लॉग

गूगल ने ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए ‘सुरक्षा चार्टर’ लॉन्च किया

June 18, 2025
भारत एक ब्राइट स्पॉट, सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा: एचएसबीसी
ब्लॉग

भारत एक ब्राइट स्पॉट, सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा: एचएसबीसी

June 18, 2025
Next Post
आईओसी ने रूस, बेलारूस के खिलाफ प्रतिबंधों को रखा जारी

आईओसी ने रूस, बेलारूस के खिलाफ प्रतिबंधों को रखा जारी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

084739
Total views : 5894816
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In