लखनऊ, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन के नए हब के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यूपी आज दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। बीते वर्ष लगभग 65 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थलों का भ्रमण किया, जिससे यह देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शामिल हो गया है।
योगी सरकार ने धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है, जिससे प्रदेश में रोजगार और आर्थिक विकास को गति मिली है।
उत्तर प्रदेश में अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद से पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना ने मंदिर परिसर को सुव्यवस्थित और भव्य बना दिया है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बेहतर हुई हैं। मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र को विकसित करने पर योगी सरकार जोर दे रही है, जिससे न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिला है, बल्कि हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। सरकार ने इन क्षेत्रों में सड़क, परिवहन, रुकने की सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
उत्तर प्रदेश अब केवल धार्मिक पर्यटन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक पर्यटन हब बन चुका है। प्रयागराज का संगम, चित्रकूट, कुशीनगर और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों को नई पहचान दिलाने के लिए सरकार द्वारा व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। पर्यटन के बढ़ते रुझान और सरकार की नीतियों के चलते उत्तर प्रदेश में होटल, गाइड, ट्रांसपोर्ट, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय व्यवसायों को जबरदस्त लाभ मिला है। पर्यटन स्थलों के विकास से युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को भी नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
केंद्र सरकार की ‘स्वदेश दर्शन-2’ योजना के तहत नैमिषारण्य, प्रयागराज और महोबा को चुना गया है। नैमिषारण्य और प्रयागराज के विकास के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है, जबकि महोबा के लिए शीघ्र स्वीकृति मिलने की संभावना है। प्रयागराज में कुंभ नगरी के रूप में इसकी पहचान और अधिक मजबूत होगी, जबकि नैमिषारण्य को आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे पर्यटन विकास के कार्यों का सकारात्मक प्रभाव साफ नजर आ रहा है। धार्मिक पर्यटन से लेकर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास तक, राज्य एक ग्लोबल टूरिज्म हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
केंद्रीय बजट 2025-26 में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ 50 पर्यटन स्थलों के विकास की घोषणा की गई है। इसमें भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों के विकास पर विशेष जोर है। इसमें उत्तर प्रदेश को विशेष लाभ मिला है। बौद्ध सर्किट में कुशीनगर, संकिसा, श्रावस्ती, सारनाथ, कपिलवस्तु, कौशांबी जैसे स्थल शामिल हैं।
भगवान बुद्ध ने तप, ज्ञान, उपदेश, महानिर्वाण के लिए उत्तर प्रदेश को चुना था, जिससे यह बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए पवित्र स्थल बन गया है। सरकार ने बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम गृह, सड़कों का नवीनीकरण, अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं और डिजिटल गाइड सिस्टम जैसी योजनाएं बनाई हैं, जिससे देश-विदेश के पर्यटकों को यहां आने में अधिक सुविधा मिले।
पर्यटन विकास के कारण उत्तर प्रदेश में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। पर्यटन स्थलों पर होटलों, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट, गाइड सेवाओं, हस्तशिल्प और लोकल बिजनेस को बढ़ावा मिल रहा है। विशेष रूप से महिला उद्यमियों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को भी प्रोत्साहित कर रही है, जिससे लोकल हैंडीक्राफ्ट, बनारसी साड़ी, पीतल कला और लकड़ी की कारीगरी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है।
–आईएएनएस
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