नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर भारत की पहली नदी संरक्षण परियोजना ‘देविका’ जल्द पूरी होने वाली है। ‘नमामि गंगा’ की तर्ज पर 190 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से परियोजना पूरी की जा रही है।
मान्यताओं के अनुसार देविका, जिसे पवित्र गंगा नदी की बहन माना जाता है, का एक महान धार्मिक महत्व है, यही कारण है कि देविका कायाकल्प परियोजना के तहत सभी घरों को जोड़ने वाले पाइप और मैनहोल के नेटवर्क के साथ तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना का निर्माण यूईईडी द्वारा किया जा रहा है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी। यह परियोजना स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई थी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में पवित्र देविका नदी की पवित्रता की रक्षा के लिए अलग से शुरू की गई तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देविका, जिसे पवित्र गंगा नदी की बहन माना जाता है, का एक महान धार्मिक महत्व है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि परियोजना के लिए आवंटित 190 करोड़ रुपये की धनराशि में से आवंटन का हिस्सा केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश द्वारा क्रमश 90 व 10 के अनुपात में है।
सिंह ने बताया कि तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के अतिरिक्त देविका कायाकल्प परियोजना के तहत एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना का भी निर्माण किया जाएगा, जो देविका नदी की पवित्रता की रक्षा के लिए कई पहलुओं से महत्वपूर्ण है।
बैठक के दौरान जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि समाज के जमीनी स्तर के प्रतिनिधि होने के नाते पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका प्रमुख विकास परियोजनाओं की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। बैठक में माैजूद पंचायती राज संस्थाओं ने डॉ. सिंह के समक्ष कई मुद्दे उठाए, जिस पर उन्होंने विभागों को कम से कम समय में इन मुद्दों का निवारण करने का निर्देश दिया।
–आईएएनएस
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