शिमला, 12 जुलाई (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सदन के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के अगले दिन बिजली की सब्सिडी बंद करके कांग्रेस ने प्रदेश को धोखा दिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने हिमाचल सरकार द्वारा मुफ़्त बिजली योजना बंद करने की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसी तरह की तानाशाही के लिए जानी जाती है। प्रदेश के लोगों को मुफ़्त मिल रही बिजली को सुक्खू सरकार ने छीन लिया।
प्रदेशवासियों के साथ की गई यह तानाशाही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। चुनाव में जो पार्टी सरकार बनने पर 300 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा करके सत्ता में आई और वह सरकार में आने पर पहले से मिल रही 125 यूनिट की सब्सिडी को भी छीन ली। यह प्रदेश के लोगों के साथ ठगी है।
उपचुनाव के एक दिन बाद यह फ़ैसला लेना सरकार की शातिराना नीयत को दिखाता है। प्रदेश सरकार इसी तरह से फिर काम करेगी। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस द्वारा जारी की गई गारंटी पर कहा था कि कांग्रेस सरकार दस जन्म में भी यह पूरी नहीं कर पाएगी। वही पहले दिन से ही हो रहा है। झूठ बोलकर सत्ता में आना और झूठ बोलकर सत्ता चलाना ही कांग्रेस की फ़ितरत है और वह वही कर रही है।
जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि मैंने प्रदेश के लोगों को दो हफ़्ते पहले ही आगाह कर दिया था कि सरकार फ्री बिजली की योजना बंद करने जा रही है। बस उप-चुनाव ख़त्म होने का इंतज़ार है। आगे चलकर यह सरकार ओपीएस पर भी ऐसा ही करने वाली है। सुक्खू सरकार ओपीएस के मूल ढांचे में बदलाव करके पेंशन के रूप में अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने वाली है। इसके बारे में भी मैंने पहले ही आगाह किया है। सरकार की इस तानाशाह की कीमत उसे चुकानी पड़ेगी। भाजपा इस तानाशाही के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरेगी और कांग्रेस के मनमाने और झूठ बोलने के रवैये के ख़िलाफ़ आंदोलन करेगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले दिन से ही सरकार की योजना विकास करने की नहीं थी। सिर्फ़ झूठ बोलकर प्रदेश के लोगों से ठगी करके उसे सत्ता हथियानी थी। जिस तरह से चुनाव में उन्होंने बढ़ चढ़कर प्रदेश के लोगों को 10 गारंटियां दी थी, उसी दिन हमने कहा था कि कांग्रेस इसे 10 जन्मों में भी पूरा करने वाली नहीं है। अब एक-एक कर सब कुछ सामने आ रहा है। एक लाख युवाओं को हर साल रोजगार देने की गारंटी थी और सत्ता में आते ही 10 हज़ार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मी को बाहर कर दिया।
स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को रोजगार देने की गारंटी दी थी, लेकिन पहले से चल रही स्वावलंबन योजना को बंद कर दिया। प्रदेश के विकास का वादा था, लेकिन डेढ़ साल में धेले भर का काम सुक्खू सरकार ने नहीं किया। नए संस्थान खोलने के बजाय पहले से चल रहे लगभग डेढ़ हज़ार संस्थानों को बंद कर दिया। हिमाचल में सुक्खू सरकार का मतलब झूठ की सरकार, फ़रेब की सरकार, ठगी की सरकार। प्रदेश में अब ऐसी सरकार की ज़रूरत नहीं रह गई है।
–आईएएनएस
एससीएच/सीबीटी