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उमर अब्दुल्ला पर क्यों भड़कीं बीजेपी नेता दिप्ती रावत भारद्वाज

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August 31, 2024
in राष्ट्रीय
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उमर अब्दुल्ला पर क्यों भड़कीं बीजेपी नेता दिप्ती रावत भारद्वाज
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श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बीजेपी नेता दीप्ति रावत भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में लगातार विभाजनकारी ताकतों को बल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें शायद घाटी का अमन चैन और शांति गवारा नहीं है।

बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

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उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

–आईएएनएस

एसएचके/एसकेपी

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श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बीजेपी नेता दीप्ति रावत भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में लगातार विभाजनकारी ताकतों को बल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें शायद घाटी का अमन चैन और शांति गवारा नहीं है।

बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

–आईएएनएस

एसएचके/एसकेपी

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श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बीजेपी नेता दीप्ति रावत भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में लगातार विभाजनकारी ताकतों को बल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें शायद घाटी का अमन चैन और शांति गवारा नहीं है।

बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

–आईएएनएस

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बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बीजेपी नेता दीप्ति रावत भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में लगातार विभाजनकारी ताकतों को बल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें शायद घाटी का अमन चैन और शांति गवारा नहीं है।

बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बीजेपी नेता दीप्ति रावत भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में लगातार विभाजनकारी ताकतों को बल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें शायद घाटी का अमन चैन और शांति गवारा नहीं है।

बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बीजेपी नेता दीप्ति रावत भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में लगातार विभाजनकारी ताकतों को बल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें शायद घाटी का अमन चैन और शांति गवारा नहीं है।

बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

–आईएएनएस

एसएचके/एसकेपी

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श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बीजेपी नेता दीप्ति रावत भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में लगातार विभाजनकारी ताकतों को बल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें शायद घाटी का अमन चैन और शांति गवारा नहीं है।

बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

–आईएएनएस

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श्रीनगर, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बीजेपी नेता दीप्ति रावत भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला घाटी में लगातार विभाजनकारी ताकतों को बल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें शायद घाटी का अमन चैन और शांति गवारा नहीं है।

बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग सिर्फ मीडिया में दिखाने के लिए कहते हैं कि हमने मजबूरी में नेशनल कांफ्रेंस से अलायंस किया है, जबकि अंदर की सच्चाई यह है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। आमतौर पर अलायंस उसी के साथ किया जाता है, जिससे हमारी विचारधारा मिलती है। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राजनीतिक विचारधारा मेल खाती है, इसलिए इन्होंने गठबंधन किया है। ये लोग सिर्फ और सिर्फ मीडिया के सामने लोगों को दिखाने के लिए कहेंगे कि हमने मजबूरी में गठबंधन किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी मजबूरी नहीं है।”

इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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बीजेपी नेता ने आईएएनएस से कहा, “वे लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि यहां अलग झंडा लेकर आएंगे और अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेंगे। अलगाववादी ताकतों को मजबूत करेंगे। हम सभी लोग इस बात को जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में शांति है, लेकिन अब ये लोग फिर से यहां की स्थिति को पहले वाले दौर में पहुंचाना चाहते हैं। वे लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत का नाम बदल देंगे, जहां ना महज घाटी, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यह सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, लेकिन अब कुछ लोग इसका नाम बदलने पर आमादा हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं सकते। यह बहुत ही शर्मनाक है। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि आज से तीन दशक पहले जैसे वहां कश्मीरी पंडित पलायन करने पर मजबूर हुए थे और अब जो बची हुई हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, क्या अब ये लोग उसे भी समाप्त करना चाहते हैं, इस पर मुझे लगता है कि उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए, जब तक वे जवाब नहीं देंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।”

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इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “वो महिला के नाम पर धब्बा है। कितनी शर्म की बात है कि वो आंदोलनकारी डॉक्टरों के बारे में कहती हैं कि वो ये ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड हैं। ममता बनर्जी यहां तक कहती हैं कि अगर किसी ने आंदोलन किया तो मैं उसकी उंगली तोड़ दूंगी। मैं केस कर दूंगी, मुझे नहीं लगता कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरजी कर मेडिकल मामले में संलिप्त अपराधियों को बचाने की कोशिश की है। ऐसे में मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के लिए यह बेहतर रहेगा कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।”

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