गुवाहाटी, 15 अगस्त (आईएएनएस)। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) ने गुरुवार को दावा किया कि उसने पूरे असम में 24 स्थानों पर बम लगाए हैं। पुलिस टीम जांच में जुट गई है।
उल्फा-आई ने जो स्थान बताए हैं उसमें तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, शिवसागर, नागांव और गुवाहाटी में कम से कम आठ स्थान शामिल हैं।
प्रतिबंधित समूह ने एक बयान में कहा कि वे स्वतंत्रता दिवस पर सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूरे राज्य में बम विस्फोट कर अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन ‘तकनीकी कारणों’ से अभियान को रद्द कर दिया।
उल्फा-आई ने राज्य की राजधानी दिसपुर में सचिवालय के नज़दीक एक स्थान सहित ‘टारगेट’ क्षेत्रों की एक सूची भी तस्वीरों के साथ जारी की।
‘संप्रभु असम’ की मांग करने वाले समूह ने बयान में कहा, “असम के लोगों को यह सूचित किया जाता है कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) की ओर से 15 अगस्त को सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक होने वाला सैन्य विरोध तकनीकी गड़बड़ियों के कारण नहीं किया जा सका। इसलिए, सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर विरोध प्रदर्शन के स्थानों को सार्वजनिक कर दिया गया है।”
उल्फा-आई की तरफ से बम धमकी की जानकारी देने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आई और मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित उग्रवादी समूह द्वारा जारी की गई सूची का उपयोग कर बमों की तलाश के लिए पुलिस दल भेजे गए। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को कुछ स्थानों पर कुछ संदिग्ध उपकरण मिले हैं और आगे की जांच जारी है।
इससे पहले, अलगाववादी समूहों एनएससीएन (युंग आंग) और उल्फा-आई ने संयुक्त रूप से 15 अगस्त को असम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में बंद का आह्वान करने के अलावा सभी स्वतंत्रता दिवस समारोहों का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया था।
बता दें कि 2004 में असम के धेमाजी कॉलेज मैदान में स्वतंत्रता दिवस परेड के दौरान हुए बम विस्फोट में कम से कम 18 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।
पुलिस ने दावा किया था कि कॉलेज के गेट के पास रखे गए विस्फोटक को रिमोट-कंट्रोल डिवाइस से ब्लास्ट किया गया था। विस्फोट उस समय हुआ जब विभिन्न स्कूलों के शिक्षक और बच्चे गेट से गुजर रहे थे।
विस्फोट के बाद स्थानीय लोगों ने कॉलेज के पास पुलिस वाहनों पर हमला कर दिया, जिसके कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
–आईएएनएस
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