हैदराबाद, 9 जनवरी (आईएएनएस)। पिछले तीन दिनों में तेलंगाना के कुमारम भीम आसिफाबाद जिले के जंगलों में दो बाघों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया है।
कागजनगर वन प्रभाग के तहत दरेगांव जंगल में एक मादा बाघ का शव मिलने के तीन दिन बाद, सोमवार को एक और बाघ मृत पाया गया।
पशु चिकित्सकों सहित वन अधिकारियों ने मौत के कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
जिस स्थान पर दूसरा बाघ मृत पाया गया, वह उस क्षेत्र से लगभग दो किमी दूर है जहां बाघिन का शव मिला था। इस बार एक नर बाघ की मौत हुई है।
करीब डेढ़ साल की बाघिन का शव 6 जनवरी को मिला था। वन अधिकारियों ने जांच के बाद कहा था कि मौत दो बाघों के बीच लड़ाई के कारण हुई थी।
दूसरे बाघ की मौत वन विभाग के लिए सदमे की तरह है। अधिकारी इस मामले की सभी तरह से जांच कर रहे हैं।
बाघ के शव के पास मवेशी का मांस मिला है, जिससे फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई जा रही है।
बताया जाता है कि इलाके के किसान अपने मवेशियों के लिए वन विभाग द्वारा मुआवजा नहीं दिए जाने से नाखुश हैं।
पहले मामले में वन अधिकारियों को मौके पर दो बाघों के पैरों के निशान मिले थे। उनका मानना है कि 5-6 दिन पहले दोनों बाघों में लड़ाई हुई, जिससे एक की मौत हो गई।
उन्हें जानवर की गर्दन और पेट पर चोटों के निशान और मृत बाघिन के मुंह में बालों के नमूने भी मिले, जो संभवतः किसी अन्य बाघ के थे। बालों के नमूने आगे की जांच के लिए भेजे गए।
वन अधिकारियों को बाघिन का दाहिना पिछला पैर भी टूटा हुआ मिला और चोटों से सूखे खून के निशान भी मिले।
जांच के बाद अधिकारियों को जाल और बिजली के झटके का उपयोग करके शिकार करने का कोई सबूत नहीं मिला। पशु चिकित्सकों ने जहर की किसी भी संभावना से इनकार किया है। जानवरों की त्वचा और नाखून सहित अन्य हिस्से भी सही पाए गए। जांच के आधार पर टीम ने इसे बाघों के बीच लड़ाई का मामला पाया।
–आईएएनएस
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