बेंगलुरु, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड ने 36 साल बाद भारत में टेस्ट मुकाबला जीता है। इस ऐतिहासिक जीत में रचिन रवींद्र का बड़ा योगदान रहा। दूसरी पारी में 107 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड ने आठ विकेट से जीत हासिल की। युवा ऑलराउंडर ने कहा कि टीम एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में हर पल का आनंद लेना चाहती थी।
पांचवें दिन बारिश के कारण खेल में देर से शुरू हुआ और जीत के लिए न्यूजीलैंड को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। कीवी बल्लेबाजों के लिए जसप्रीत बुमराह सबसे बड़ी चुनौती बने हुए थे और उनका सामना करना मेहमान टीम के लिए आसान नहीं रहा।
शुरुआती विकेट गंवाने के बाद चोटिल केन विलियमसन की जगह तीसरे नंबर पर उतरे विल यंग के नाबाद (48 रन) और रचिन रविंद्र के नाबाद (39 रन) ने टीम को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई।
साल 1988 के बाद भारत में यह न्यूजीलैंड की पहली टेस्ट जीत है। इसके साथ ही तीन मैचों की श्रृंखला में मेहमान टीम ने 1-0 से बढ़त बना ली है।
रविंद्र ने जियो सिनेमा से कहा, “वे दोनों (सिराज और बुमराह) बहुत अच्छे गेंदबाज हैं, और उस दौर में संघर्ष करना और उस पल का आनंद लेना महत्वपूर्ण था। स्टेडियम में माहौल अद्भुत था और ऐसे पल ही क्रिकेट को खास बनाते हैं।
“फैंस की ऊर्जा उत्साह को बढ़ाती है, और उस कठिन दौर से बाहर निकलने का श्रेय विल यंग और डेवोन कॉनवे को जाता है। यह टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा है, हर किसी को उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है। कभी-कभी आप रन बनाने में सक्षम होते हैं, और कभी-कभी गेंदबाज हावी होते हैं, लेकिन उन दो विश्व स्तरीय गेंदबाजों के खिलाफ मैदान में डटे रहना बेहद खास था।”
एक बार फिर क्रिकेट जगत में चर्चा में आए रचिन ने बेंगलुरु में भारत के खिलाफ पहली पारी में 134 रन बनाए और दूसरी पारी में नाबाद 39 रन बनाकर टीम की जीत में अहम योगदान दिया। एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में आठ विकेट से न्यूजीलैंड की जीत के बाद इस खिलाड़ी को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार भी दिया गया।
रचिन ने बेंगलुरु में शानदार प्रदर्शन करने के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “यह एक अच्छा शहर है, और बल्लेबाजी के लिए एक अच्छा विकेट था। इसलिए संभावनाएं मेरे पक्ष में थी। जब भी मैं बेंगलुरु में खेलता हूं तो समर्थन मिलना काफी अच्छा लगता है।”
उल्लेखनीय है कि इस मैच में रचिन का प्रदर्शन देखने के लिए उनके पिता भी स्टेडियम में मौजूद थे।
–आईएएनएस
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