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Home ताज़ा समाचार

एच3एन2 वायरस : स्वास्थ्य विशेषज्ञों की अपील- मास्क पहनें, स्वच्छ रहें और फ्लू का टीका लें

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March 13, 2023
in ताज़ा समाचार
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एच3एन2 वायरस : स्वास्थ्य विशेषज्ञों की अपील- मास्क पहनें, स्वच्छ रहें और फ्लू का टीका लें
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नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारत में एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को लोगों को एहतियाती उपाय करने का सुझाव दिया है, जैसे कि मास्क का उपयोग, हाथ की स्वच्छता, साथ ही साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाएं।

आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है।

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इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, श्वसन वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिसका अर्थ है कि स्राव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, और अधिकांश लोग किसी बिंदु पर अपनी नाक और मुंह को छूते हैं, या यह स्राव उंगलियों पर रह सकता है और जब वे अन्य लोगों से हाथ मिलाते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली इनडोर सभाओं में मास्क पहनने की जरूरत रहती है, क्योंकि संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), एच3एन2 और मौसमी विक्टोरिया और यामागाटा वंश के इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लेकर परिसंचरण में श्वसन वायरस का संयोजन रहा है।

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है।

कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग। खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारत में एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को लोगों को एहतियाती उपाय करने का सुझाव दिया है, जैसे कि मास्क का उपयोग, हाथ की स्वच्छता, साथ ही साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाएं।

आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है।

इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, श्वसन वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिसका अर्थ है कि स्राव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, और अधिकांश लोग किसी बिंदु पर अपनी नाक और मुंह को छूते हैं, या यह स्राव उंगलियों पर रह सकता है और जब वे अन्य लोगों से हाथ मिलाते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली इनडोर सभाओं में मास्क पहनने की जरूरत रहती है, क्योंकि संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), एच3एन2 और मौसमी विक्टोरिया और यामागाटा वंश के इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लेकर परिसंचरण में श्वसन वायरस का संयोजन रहा है।

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है।

कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग। खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारत में एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को लोगों को एहतियाती उपाय करने का सुझाव दिया है, जैसे कि मास्क का उपयोग, हाथ की स्वच्छता, साथ ही साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाएं।

आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है।

इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, श्वसन वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिसका अर्थ है कि स्राव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, और अधिकांश लोग किसी बिंदु पर अपनी नाक और मुंह को छूते हैं, या यह स्राव उंगलियों पर रह सकता है और जब वे अन्य लोगों से हाथ मिलाते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली इनडोर सभाओं में मास्क पहनने की जरूरत रहती है, क्योंकि संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), एच3एन2 और मौसमी विक्टोरिया और यामागाटा वंश के इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लेकर परिसंचरण में श्वसन वायरस का संयोजन रहा है।

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है।

कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग। खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारत में एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को लोगों को एहतियाती उपाय करने का सुझाव दिया है, जैसे कि मास्क का उपयोग, हाथ की स्वच्छता, साथ ही साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाएं।

आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है।

इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, श्वसन वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिसका अर्थ है कि स्राव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, और अधिकांश लोग किसी बिंदु पर अपनी नाक और मुंह को छूते हैं, या यह स्राव उंगलियों पर रह सकता है और जब वे अन्य लोगों से हाथ मिलाते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली इनडोर सभाओं में मास्क पहनने की जरूरत रहती है, क्योंकि संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), एच3एन2 और मौसमी विक्टोरिया और यामागाटा वंश के इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लेकर परिसंचरण में श्वसन वायरस का संयोजन रहा है।

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है।

कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग। खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है।

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आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है।

इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, श्वसन वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिसका अर्थ है कि स्राव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, और अधिकांश लोग किसी बिंदु पर अपनी नाक और मुंह को छूते हैं, या यह स्राव उंगलियों पर रह सकता है और जब वे अन्य लोगों से हाथ मिलाते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली इनडोर सभाओं में मास्क पहनने की जरूरत रहती है, क्योंकि संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), एच3एन2 और मौसमी विक्टोरिया और यामागाटा वंश के इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लेकर परिसंचरण में श्वसन वायरस का संयोजन रहा है।

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है।

कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग। खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है।

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नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारत में एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को लोगों को एहतियाती उपाय करने का सुझाव दिया है, जैसे कि मास्क का उपयोग, हाथ की स्वच्छता, साथ ही साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाएं।

आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है।

इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, श्वसन वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिसका अर्थ है कि स्राव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, और अधिकांश लोग किसी बिंदु पर अपनी नाक और मुंह को छूते हैं, या यह स्राव उंगलियों पर रह सकता है और जब वे अन्य लोगों से हाथ मिलाते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली इनडोर सभाओं में मास्क पहनने की जरूरत रहती है, क्योंकि संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), एच3एन2 और मौसमी विक्टोरिया और यामागाटा वंश के इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लेकर परिसंचरण में श्वसन वायरस का संयोजन रहा है।

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है।

कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग। खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है।

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आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है।

इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, श्वसन वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिसका अर्थ है कि स्राव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, और अधिकांश लोग किसी बिंदु पर अपनी नाक और मुंह को छूते हैं, या यह स्राव उंगलियों पर रह सकता है और जब वे अन्य लोगों से हाथ मिलाते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली इनडोर सभाओं में मास्क पहनने की जरूरत रहती है, क्योंकि संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), एच3एन2 और मौसमी विक्टोरिया और यामागाटा वंश के इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लेकर परिसंचरण में श्वसन वायरस का संयोजन रहा है।

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है।

कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग। खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है।

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आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है।

इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट – इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने आईएएनएस से कहा, मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, श्वसन वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिसका अर्थ है कि स्राव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, और अधिकांश लोग किसी बिंदु पर अपनी नाक और मुंह को छूते हैं, या यह स्राव उंगलियों पर रह सकता है और जब वे अन्य लोगों से हाथ मिलाते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली इनडोर सभाओं में मास्क पहनने की जरूरत रहती है, क्योंकि संक्रमण फैलने की संभावना रहती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), एच3एन2 और मौसमी विक्टोरिया और यामागाटा वंश के इन्फ्लुएंजा बी वायरस से लेकर परिसंचरण में श्वसन वायरस का संयोजन रहा है।

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है।

कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग। खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है।

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