नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर आतंकवाद साजिश मामले में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के एक सक्रिय कार्यकर्ता के खिलाफ अपना पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है।
यह मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) और उनके फ्रंटल संगठनों जैसे टीआरएफ, पीएएफएफ आदि द्वारा रची गई साजिश से संबंधित है और उनके ओवर ग्राउंड वर्कर्स जम्मू-कश्मीर में कश्मीर घाटी और दिल्ली सहित भारत के अन्य प्रमुख शहरों में आतंकवादी कार्रवाई करने के लिए काम कर रहे हैं।
एनआईए ने कहा कि मामले की जांच में पहले पाकिस्तान में स्थित इन अभियुक्त संगठनों के कमांडरों के साथ कश्मीर घाटी में उनके गुर्गों के साथ संबंध स्थापित किए थे ताकि युवाओं को हथियारों और विस्फोटकों से निपटने के लिए भर्ती और प्रशिक्षित किया जा सके। मामले में पहले 26 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था, जिसमें पाकिस्तान स्थित सूचीबद्ध व्यक्तिगत आतंकवादी बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम और इम्तियाज कुंडू उर्फ फैयाज सोपोर शामिल हैं। एनआईए ने यूए(पी) अधिनियम की धारा 51ए के तहत 4 मार्च 2023 को बशीर अहमद पीर की संपत्ति भी कुर्क की।
आगे की जांच के दौरान, एनआईए ने नामित आतंकवादी इम्तियाज फैयाज सोपोर के करीबी सहयोगी मोहम्मद रफी नजर की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया। वह हस्तशिल्प का व्यापारी है और नेपाल के पोखरा में रहता था। वह कश्मीरी हस्तशिल्प के वैध व्यापार की आड़ में अभियुक्त आतंकवादी संगठनों के लिए फंड का उपयोग करता पाया गया। हस्तशिल्प की बिक्री से अर्जित लाभ को फिर हवाला चैनलों के माध्यम से कश्मीर घाटी में भेजा गया और अन्य के माध्यम से घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के बीच वितरित किया गया। मोहम्मद रफी नजर के खिलाफ 20 मार्च को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और यूए(पी) अधिनियम के तहत चार्जशीट दायर की गई थी।
–आईएएनएस
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