नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा चुनाव की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस इस बात को लेकर आश्वस्त हो गई थी कि प्रदेश में उसका 10 सालों से चल रहा राजनीतिक वनवास समाप्त होने वाला है। कांग्रेस के नेता इसको लेकर तमाम तरह के दावे भी कर रहे थे।
एग्जिट पोल के आंकड़ों ने तो कांग्रेस की खुशी को दोगुना कर दिया था। लेकिन, चुनाव परिणाम ने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि हरियाणा में एमपी और गुजरात की तरह ही पीएम नरेंद्र मोदी का मैजिक चला और भाजपा ने इतिहास रच दिया।
हरियाणा में कुछ महीने पहले ही भाजपा ने मुख्यमंत्री बदल दिए तो कांग्रेस हमलावर हो गई, ऊपर से किसानों के मुद्दे और पहलवानों के आरोप भाजपा के लिए परेशानी का कारण बन रहे थे, जिसे आगे रखकर कांग्रेस लगातार भाजपा को घेर रही थी। लेकिन, पीएम मोदी के विजन ने हरियाणा की सत्ता में तीसरी बार भाजपा की वापसी का रास्ता खोल दिया।
हरियाणा की जनता ने इस चुनाव परिणाम से साफ कर दिया कि एमपी और गुजरात की तरह पीएम मोदी के विजन पर उनका भी भरोसा है। इस बार हरियाणा में भाजपा को करीब 40 प्रतिशत वोट मिले हैं। यानी भाजपा को हरियाणा में अब तक मिले मतों में ये सबसे ज्यादा मत प्रतिशत है।
ऐसे में इन वोटों को गौर से देखें तो इसमें ज्यादातर वोट पीएम मोदी के द्वारा हरियाणा में कराए गए विकास के कार्य और यहां उनकी चुनावी सभाओं की वजह से मिले हैं। अब जरा पीछे नजर डालिए, हरियाणा में 2009 में भाजपा को 9.04 प्रतिशत, 2014 में 33.2 प्रतिशत, 2019 में वोट प्रतिशत 36.49 और इस बार वोट प्रतिशत 40 फीसदी के करीब पहुंच गई है।
यहां जाटलैंड की जो सीटें थी, उसमें भी इस बार भाजपा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। यानी हरियाणा की सभी 36 बिरादरी के वोट पीएम मोदी के विजन के पक्ष में डाले गए हैं।
अब पीएम का हरियाणा के लिए विजन देखिए, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यहां सीएम बदला गया और मनोहर लाल खट्टर को सांसद के बाद मंत्री बनाकर भाजपा पंजाबी समाज को तो साथ रखने में कामयाब हुई ही। नायब सिंह सैनी के सीएम बनते ही सैनी समाज भाजपा के साथ मजबूती से खड़ा हो गया।
किसानों की नाराजगी का मुद्दा उठा रहे विपक्ष को भी भाजपा ने अपनी रणनीति से घेरा। अपने चुनाव घोषणा पत्र में भाजपा ने किसानों के लिए 24 फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी का वादा किया और साथ ही अग्निवीर योजना से रिटायर होने वाले सैनिकों को राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण का वादा किया।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने हरियाणा की जनसभाओं में कांग्रेस सरकार के बिना खर्ची-पर्ची के नौकरी नहीं देने की बात को प्रमुखता से लोगों के बीच रखा तो वहीं दूसरी तरफ वह मंच से यह भी कहते रहे कि कांग्रेस की सरकार में प्रदेश को दामादों और दलालों के हवाले कर दिया गया।
हरियाणा में मौजूदा चुनाव में पीएम मोदी की सिर्फ 4 रैलियां हुईं। लेकिन, इसका व्यापक असर इस चुनाव में मतदाताओं पर पड़ता दिखा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने इस चुनाव में दलितों के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया। पीएम मोदी अपने प्रचार के दौरान गोहाना और मिर्चपुर कांड की याद हरियाणा की जनता को दिलाते रहे।
पीएम मोदी ने 16 अगस्त को हरियाणा में चुनाव घोषणा के बाद पहली रैली 14 सितंबर को की थी। पीएम मोदी ने यहां चार चुनावी रैलियां की और चुनाव के दौरान ही हरियाणा में प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं से ऑनलाइन संवाद भी किया। जबकि, राहुल गांधी ने हरियाणा में नौ कार्यक्रम किए। जिसमें रैली, जनसभा और यात्रा शामिल हैं।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ने जहां चुनावी सभा की, उन सीटों पर जीत का स्ट्राइक रेट 75 प्रतिशत रहा। यानी पीएम मोदी की बात और उनका साथ हरियाणा के लोगों को भी भा गया। दरअसल, गुजरात, उत्तराखंड और एमपी के बाद हरियाणा ऐसा राज्य बन गया है, जहां पीएम मोदी के विजन को लोगों ने स्वीकार किया है।
–आईएएनएस
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