चंडीगढ़, 21 मई (आईएएनएस)। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) दिल्ली के जंतर-मंतर पर ओलंपियन पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए सामने आई है। इसमें कहा गया है कि एसजीपीसी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही पहलवानों से मुलाकात करेगा।
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने मीडिया से कहा कि एक तरफ सरकार बालिकाओं के उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी ओर देश का नाम रोशन करने वाली ओलंपियन लड़कियां केंद्र सरकार के दरवाजे पर न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं।
यह मामला लड़कियों के सम्मान से जुड़ा है, इसके प्रति सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए और आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
धामी ने कहा कि सिख समुदाय अपने इतिहास, रीति-रिवाजों और परंपराओं का प्रतिनिधित्व करने वाली इन संघर्षरत महिलाओं का समर्थन करता है। जल्द ही इन खिलाड़ियों से मिलने के लिए एसजीपीसी द्वारा एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेजा जाएगा।
एसजीपीसी प्रमुख ने सोशल मीडिया पर सिख विरोधी और नफरत फैलाने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
धामी ने कहा, अन्य बातों के अलावा, एसजीपीसी की कार्यकारी समिति की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अकाउंट लगातार सिखों के खिलाफ झूठा और घृणित प्रचार फैला रहे हैं, इस पर सरकारें कार्रवाई नहीं कर रही हैं। एसजीपीसी ने ऐसे कई खातों की पहचान कर पुलिस प्रशासन को भी शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने कहा कि अब इस मामले को सबूतों के साथ भारत सरकार के सामने उठाया जाएगा और अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मामला कोर्ट में ले जाया जाएगा।
धामी ने पंजाब में गुरुद्वारा साहिबों की बेअदबी और मर्यादा उल्लंघन की घटनाओं पर सरकार की लापरवाही की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि पंजाब में धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों की हिम्मत लगातार बढ़ती जा रही है। पंजाब सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की और इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष उठाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कानून का गठन किया जाना चाहिए और समय रहते उन्हें सजा दी जानी चाहिए।
उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों और संगत से गुरुद्वारों के अंदर हर समय निगरानी सुनिश्चित करने की भी अपील की।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने गुरुद्वारा गुरु डोंगमार साहिब, सिक्किम और गुरुद्वारा तपस्थान गुरु नानक देव, मेचुका, अरुणाचल प्रदेश में चल रहे मामलों के संबंध में कमेटियां बनाई हैं, जो जल्द ही संबंधित सरकारों के साथ चर्चा करेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि ये दोनों मामले बौद्धों से जुड़े हैं, इसलिए प्रतिनिधिमंडल दलाई लामा से भी मुलाकात करेगा।
बंदी सिंह (सिख कैदियों) की रिहाई के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने लगभग 26 लाख प्रोफार्मा भरे हैं, जो जल्द ही पंजाब के राज्यपाल के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे।
–आईएएनएस
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